Ahmedabad Plane Crash: गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून 2025 को हुए प्लेन क्रैश मामले में नया अपडेट आया है। विमान हादसे में जान गंवाने वाली स्वप्निल सोनी की बहन तृप्ति सोनी ने मीडिया से बात की और बताया कि वह अमेरिका में मामला दर्ज करा रहे हैं, क्योंकि बोइंग कंपनी के प्लेन में खराबी हादसे का मुख्य कारण हो सकती है।
हादसे के लिए प्रोडक्ट की जिम्मेदारी को लेकर अमेरिका में कानून काफी कड़े हैं। उससे पहले यह जानना अनिवार्य है कि विमान हादसा क्यों हुआ? इसलिए फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का डेटा हासिल करने के लिए याचिका दायर करने पर विचार कर रहे हैं, लेकिन अब तक भारत सरकार से समर्थन नहीं मिला है।
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60 पीड़ितों का केस दर्ज कराने का फैसला
बता दें कि अहमदाबाद प्लेन क्रैश में जान गंवाने वाले 60 मृतकों के परिजनों ने फैसला किया है कि वे बोइंग कंपनी के खिलाफ अमेरिका की कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। केस दर्ज कराने के लिए उन्होंने अमेरिका के नामी वकील माइक एंड्रयूज को हायर किया है। अमेरिका की कोर्ट में केस दायर करके वे हादसे की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग करेंगे।
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याचिका में कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट रिकॉर्डर के डेटा पीड़ितों के परिजनों को दिलाने की मांग की जाएगी, ताकि वे अपने स्तर पर डेटा की जांच कराकर हादसे की वजह का पता लगा सकें, क्योंकि हादसे का मुख्य कारण बोइंग कंपनी के प्लेन में आई खामी है, जिसे जांच करने वाली टीमों के द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है।
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कब हुआ था विमान हादसा?
बता दें कि 12 जून 2025 को गुजरात के अहमदाबाद में एअर इंडिया की फ्लाइट AI171 क्रैश हुई थी। फ्लाइट ने अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लंदन के लिए उड़ान भरी ही थी कि प्लेन क्रैश होकर गिर गया था। बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर प्लेन अहमदाबाद के मेघनीनगर क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की बिल्डिंग पर गिरा था।
हादसे में प्लेन में सवार 242 लोगों में से 241 लोग मारे गए थे, जिनमें 12 क्रू मेंबर्स भी शामिल थे। एक यात्री समय रहते कूद गया था, इसलिए उसकी जान बच गई थी। मृतकों में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश नागरिक, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल था। हादसे में जमीन पर खड़े 19 लोगों ने भी जान गंवाई थी। हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और MBBS के 4 स्टूडेंट भी मारे गए थे।
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विमान हादसे का कारण क्या रहा?
भारतीय एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने हादसे की जांच की, जिसकी प्रारंभिक रिपोर्ट गत 8 जुलाई को जारी की गई। इसमें हादसा होने का कारण दोनों इंजनों को ईंधन की सप्लाई बंद होना बताया गया, क्योंकि फ्यूल कंट्रोल स्विच रन से कट मोड में चले गए थे। फ्लाइट के टेकऑफ होते ही स्विच बंद हेा गया था, लेकिन स्विच के रन से कट मोड में जाने का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है।
एअर इंडिया एयरलाइंस ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा दिया है। घायलों को 5 लाख रुपये देने का ऐलान किया है। AI-171 मेमोरियल एंड वेलफेयर ट्रस्ट की स्थापना करके मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल को फिर से बनवाने का वादा किया गया है। वहीं हादसे में अब कानूनी कार्रवाई कराए जाने के प्रयास जारी हैं।
65 से अधिक हादसा पीड़ित परिवारों ने अमेरिकी वकील माइक एंड्रयूज के नेतृत्व में बोइंग कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर करने का फैसला किया है। DGCA और अन्य देशों ने बोइंग कंपनी के 787 और 737 मॉडल के फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच करने का आदेश दिया है।