TrendingT20 World Cup 2026Bangladesh ViolencePollution

---विज्ञापन---

पत्नी को जलाने के आरोप में 12 साल काटी जेल, अब SC ने इस वजह से आरोपी को किया बरी

Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने पत्नी को जलाकर मारने के आरोपी को 12 साल बाद रिहा करने के आदेश जारी किए हैं। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने माना कि महिला के बयानों में विरोधाभास था। विस्तार से मामले के बारे में जानते हैं।

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के रहने वाले एक शख्स को पत्नी की हत्या के आरोप में बरी कर दिया है। शख्स पर पत्नी को जलाकर मारने के आरोप थे। आरोपी मामले में 12 साल से जेल में बंद था। न्यायालय ने महिला के बयानों पर सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि आरोपी के खिलाफ ऐसा कोई सबूत नहीं मिला, जिससे साबित हो सके कि हत्या उसी ने की है। बता दें कि निचली अदालत ने मामले में उसे दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। यह भी पढ़ें:Bihar Weather Today: गर्मी ने दिखाने शुरू किए तेवर, कई जिलों में तापमान 35 डिग्री पार, पढ़ें IMD का लेटेस्ट अपडेट कोर्ट ने कहा कि अगर महिला के बयानों पर संदेह है या बयानों में कोई विरोधाभास दिखाई दे तो दूसरे सबूतों की तरफ भी गौर करना चाहिए। महिला के बयान सही हैं या नहीं, यह तथ्यों पर निर्भर करेगा, ऐसे मामलों में कोर्ट को सतर्क रहना चाहिए। मौजूदा केस में ऐसा ही लग रहा है। मौजूदा मामले में महिला ने दो अलग-अलग बयान दिए थे। इनमें मजिस्ट्रेट के सामने दिया बयान भी शामिल है। इसके आधार पर ही आरोपी को दोषी ठहराया गया था।

आरोपी के खिलाफ नहीं मिले सबूत

मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस एहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने कहा कि अगर महिला के मरने से पहले दिए बयान में ज्यादा विरोधाभास है, तो दोषसिद्धि नहीं हो सकती। आरोपी के खिलाफ कोई और पुख्ता सबूत भी नहीं मिले हैं। इससे साबित होता है कि वह निर्दोष है। हालांकि इस बात में कोई संदेह नहीं कि मृतक के बयान अहम सबूत हैं। सिर्फ बयानों के आधार पर भी दोषसिद्धि की जा सकती है, आपराधिक मामलों में इनकी काफी अहमियत होती है। मामले की सुनवाई के दौरान तथ्यों और महिला के बयानों की गुणवत्ता का पता लगाए जाने के बाद ही दोषसिद्धि हो सकती है। यह भी पढ़ें:UP-Bihar Weather: यूपी में तेज हवा-बारिश का अलर्ट, बिहार में 33 डिग्री के पार पहुंचा पारा, पढ़ें IMD का अपडेट बता दें कि महिला ने पहले बयान में अपने पति पर आरोप नहीं लगाए थे। उसने कहा था कि खाना बनाते समय आग लगी थी। बाद में महिला ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिए थे कि पति ने केरोसिन डालकर आग लगाई थी। गवाहों की जांच के बाद कोर्ट ने कहा कि जब महिला को अस्पताल लाया गया था तो उसके शरीर से केरोसिन की गंध नहीं आ रही थी।


Topics:

---विज्ञापन---