TrendingMaha Kumbh 2025Delhi Assembly Elections 2025Ranji TrophyUP Diwas 2025Republic Day 2025IND vs ENG

---विज्ञापन---

‘पीएम के खिलाफ अपशब्द गैर जिम्मेदाराना, लेकिन देशद्रोह नहीं’, कर्नाटक HC ने स्कूल प्रबंधन को दी राहत

Karnataka: कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक स्कूल प्रबंधन के खिलाफ दर्ज देशद्रोह मामले को रद्द कर दिया। इस मामले में अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ इस्तेमाल किए गए अपशब्द अपमानजनक और गैर-जिम्मेदाराना थे, लेकिन यह देशद्रोह नहीं है। हाईकोर्ट की कलबुर्गी पीठ के जस्टिस हेमंत चंदनगौदर ने बीदर के शाहीन […]

Karnataka High Court
Karnataka: कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक स्कूल प्रबंधन के खिलाफ दर्ज देशद्रोह मामले को रद्द कर दिया। इस मामले में अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ इस्तेमाल किए गए अपशब्द अपमानजनक और गैर-जिम्मेदाराना थे, लेकिन यह देशद्रोह नहीं है। हाईकोर्ट की कलबुर्गी पीठ के जस्टिस हेमंत चंदनगौदर ने बीदर के शाहीन स्कूल के सभी प्रबंधन सदस्यों अलाउद्दीन, अब्दुल खालिक, मोहम्मद बिलाल इनामदार और मोहम्मद महताब के खिलाफ बीदर के न्यू टाउन पुलिस स्टेशन द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को रद्द कर दिया। अदालत ने कहा कि मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153 (A) (धार्मिक समूहों के बीच वैमनस्य पैदा करना) के तत्व नहीं पाए गए। यह भी पढ़ें: Sabse Bada Sawal: महाराष्ट्र में कब खत्म होगी चाचा-भतीजे की लड़ाई?

सरकार की नीतियों का विरोध सही, मगर...

हाईकोर्ट ने कहा कि नाटक के दौरान मंचन किया गया कि प्रधान मंत्री को जूते से मारा जाना चाहिए, न केवल अपमानजनक है, बल्कि गैर-जिम्मेदाराना भी है। सरकार की नीति की रचनात्मक आलोचना की अनुमति है, लेकिन नीतिगत निर्णय लेने के लिए संवैधानिक पदाधिकारियों का अपमान नहीं किया जा सकता है। हाईकोर्ट ने कहा कि यह नाटक तब सामने आया, जब एक आरोपी ने इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपलोड किया। इसलिए, किसी भी स्तर पर यह नहीं कहा जा सकता है कि याचिकाकर्ताओं ने लोगों को सरकार के खिलाफ हिंसा के लिए उकसाने या सार्वजनिक अव्यवस्था पैदा करने के इरादे से नाटक किया था। इसलिए, अदालत ने कहा कि आवश्यक सबूतों के अभाव में धारा 124 ए (देशद्रोह) और धारा 505 (2) के तहत अपराध के लिए एफआईआर दर्ज करना गलत है।

सरकार की आलोचना से बच्चों को रखें दूर

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में स्कूलों को बच्चों को सरकारों की आलोचना से दूर रखने की भी सलाह दी। कहा कि उन विषयों का नाटकीयकरण बेहतर है जो बच्चों की पढ़ाई में रुचि विकसित करने के लिए आकर्षक और रचनात्मक हों, और वर्तमान राजनीतिक मुद्दों पर मंडराते रहने से युवा दिमाग पर प्रभाव पड़ता है या भ्रष्ट होता है। उन्हें ज्ञान, प्रौद्योगिकी आदि से भरपूर किया जाना चाहिए, जिससे उन्हें उनके आगामी पाठ्यक्रम में लाभ मिलता है। इसलिए स्कूलों को अपने कल्याण और समाज की भलाई के लिए ज्ञान की नदी को बच्चों की ओर प्रवाहित करना होगा, न कि बच्चों को सरकार की नीतियों की आलोचना करना सिखाना होगा। विशेष नीतिगत निर्णय लेने के लिए संवैधानिक पदाधिकारियों का अपमान करना गलत है। यह भी पढ़ें: सेना को सफलताः जम्मू-कश्मीर में इस साल 27 आतंकवादी ढेर, जानें पिछले साल का क्या था आंकड़ा?

यह है पूरा मामला

21 जनवरी 2020 को शाहीन स्कूल के कक्षा 4, 5 और 6 के छात्रों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के खिलाफ एक नाटक के प्रदर्शन के बाद स्कूल अधिकारियों के खिलाफ राजद्रोह की एफआईआर दर्ज की गई थी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ता नीलेश रक्षला की शिकायत के बाद चारों लोगों पर आईपीसी की धारा 504 (जानबूझकर किसी का अपमान करना), 505(2), 124ए (देशद्रोह), 153ए के साथ आईपीसी की धारा 34 के तहत आरोप लगाए गए थे। और पढ़िए – देश से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.