कतर में सजा-ए-मौत पाए 8 पूर्व Navy अफसरों से मिले भारतीय राजदूत; बताया आगे का प्लान
नई दिल्ली : कतर में सजा-ए-मौत (फांसी) पाए भारतीय मूल के 8 पूर्व नौसैनिकों को जीवनदान मिलने की कोशिशों में नई उम्मीद बंधी है। गुरुवार को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि सरकार इस मामले पर बारीकी से नजर रख रही है और उन्हें सभी कानूनी और दूतावास संबंधी सहायता प्रदान कर रही है। बीती 3 दिसंबर को वह सभी पीड़ितों से मिले भी हैं। बागची ने यह भी कहा कि मामले में दो सुनवाई हो चुकी हैं और मौत की सजा के खिलाफ अपील पहले ही दायर की जा चुकी है।
26 अक्टूबर 2023 को जासूसी के दोष में मिली सजा
गौरतलब है कि बीते दिन कतर में 8 भारतीय पूर्व नौसैनिकों कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और रागेश नामक एक अन्य को फांसी की सजा सुनाई गई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक नौसेना से रिटायर होने के बाद ये सभी दोहा स्थित टेक्नोलॉजी और कंसल्टेंसी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी अल दहरा में काम कर रहे थे। 2022 में इन सभी के साथ कंपनी को चला रहे ओमान एयरफोर्स से रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर खमीस अल आजमी को कुछ संगीन आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। नवंबर 2022 में इन्हें जेल से जमानत पर रिहा कर दिया गया, लेकिन बाद में 29 मार्च 2023 को इनके खिलाफ केस ट्रायल शुरू हो गया। अब 26 अक्टूबर 2023 को जासूसी के दोष में इन सभी को कोर्ट की तरफ से फांसी की सजा दे दी गई। भारत सरकार ने इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए सभी कानूनी विकल्प तलाशने की दिशा में काम किया।
फिलहाल इस मामले में आए दिन उम्मीद की नई किरण नजर आ रही है। इसी पर बात करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को पीड़ित पूर्व नौसैनिकों से मुलाकात की जानकारी देते हुए बताया कि हर हाल में देश के इन महत्वपूर्ण नागरिकों को बचाने के लिए कसम खा चुकी सरकार पूरी बारीकी से इस पर नजर रखे हुए है। सजा के खिलाफ अपील दायर किए जाने के बाद अब तक मामले में दो सुनवाई हो चुकी हैं।
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COP28 में PM मोदी भी कर चुके द्विपक्षीय बात
गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस बागची ने कहा, 'बंदियों के पास अंतिम अपील थी। हमने परिवारों की ओर से एक अपील दायर की और तब से 2 सुनवाई हो चुकी हैं। हम मामले पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और सभी कानूनी और दूतावासीय सहायता प्रदान कर रहे हैं। इस बीच, हमारे राजदूत को 3 दिसंबर को जेल में उन सभी 8 लोगों से मिलने के लिए काउंसलर पहुंच मिल गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने COP28 के मौके पर दुबई में कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों पर अच्छी बात की। विदेश मंत्रालय मामले को उच्च महत्व दे रहा है और सभी कानूनी विकल्प तलाश रहा है'।
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