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59 साल का बुजुर्ग IVF से बनेगा पिता, हाई कोर्ट ने कैसे और क्यों बदला नियम?

IVF Process : कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक बुजुर्ग दंपति के लिए अपना नियम बदल दिया। HC ने 59 साल के बुजुर्ग को पिता बनने की अनुमति दे दी। आइए जानते हैं कि क्या है पूरा मामला?

IVF-Treatment
High Court Permission IVF Process : एक बुजुर्ग दंपति की गुहार पर हाईकोर्ट को भी अपना नियम बदला पड़ा। पिछले साल दंपति के बेटे (19) ने सुसाइड कर लिया था। इसके बाद दंपति ने बच्चे की आस में हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इस मामले में HC ने सुनवाई करने के बाद आईवीएफ के जरिए इलाज कराने की विशेष अनुमति दे दी। आइए जानते हैं कि क्या है पूरा माजरा? पश्चिम बंगाल के दंपति के इकलौते बेटे ने साल 2023 में आत्महत्या कर ली थी। बिना बच्चे के दंपति का संसार सुना हो गया। इसके बाद उन्होंने फिर से माता-पिता बनने का फैसला लिया और इसके लिए एक प्राइवेट क्लिनिक से संपर्क साधा है। डॉक्टरों ने जांच में महिला को स्वस्थ पाया और आईवीएफ के जरिए बच्चे को जन्म देने की सलाह ली। यह भी पढ़ें : जिंदा हूं मैं, मुझे वोट डालने दो, वोटर सूची में ‘मृत’ घोषित महिला को मतदान केंद्र से खाली लौटाया आईवीएफ इलाज के लिए पति हो चुकी थी ज्यादा उम्र आईवीएफ इलाज के लिए पति की उम्र ज्यादा हो गई थी। वह 59 साल का हो चुका था। ऐसे में अगर कानून की बात करें तो असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (ART) अधिनियम 2021 के तहत 55 साल से ज्यादा उम्र के पुरुषों और 50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं का आईवीएफ तकनीक से इलाज नहीं किया जा सकता है। यह भी पढ़ें : ‘भूखी मर जाऊंगी, लेकिन…’, ममता बनर्जी ने पीएम मोदी की तस्वीर वाले राशन पर कही ये बात, BJP ने उठाए सवाल हाईकोर्ट ने दंपति के पक्ष में सुनाया फैसला बच्चे की आस में पति की उम्र बाधा बन रही थी। इस पर दंपति ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। HC ने अपने आदेश में कहा कि महिला की आयु 46 साल है और वो उम्र की सीमा को पार नहीं करती है। ऐसे में दंपति आईवीएफ के जरिए बच्चा पैदा करने के लिए स्वतंत्र है।


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