तहव्वुर राणा को भारत लाया जा रहा है। 26/11 मुंबई हमले की यादें एक बार फिर ताजा हो गई हैं। 64 साल के आतंकी तहव्वुर को भारतीय एजेंसी NIA अमेरिका से ला रही है। हमले की साजिश उसने लश्कर-ए-तैयबा और आतंकी डेविड हेडली के साथ मिलकर रची थी। डेनमार्क में हुए आतंकी हमलों के मामलों में हेडली फिलहाल अमेरिका की जेल में बंद है। 17 साल पहले हुए इस हमले में 175 लोगों ने जान गंवाई थी। बताया जा रहा है कि तहव्वुर राणा और डेविड हेडली बचपन के दोस्त हैं। हेडली का असली नाम दाऊद सईद गिलानी ऊर्फ डेविड कोलमैन हेडली है। हेडली पाकिस्तानी मूल का अमेरिकी नागरिक है।
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उसका पिता पाकिस्तानी और मां अमेरिकी है। हेडली के खिलाफ 2009 में डेनमार्क के एक न्यूज पेपर पर हमला करने के आरोप हैं। सूत्रों के मुताबिक हेडली का जन्म 30 जून 1960 को अमेरिका में हुआ था। कैडेट कॉलेज हसन अब्दाल में स्टडी के दौरान हेडली की राणा से मुलाकात हुई थी। इसके बाद दोनों दोस्त बन गए। हेडली को बचपन से ही भारत से नफरत रही है, जिसके चलते वह लश्कर-ए-तैयबा के संपर्क में आया था। उसके हाफिज सईद से भी अच्छे संबंध बताए जाते हैं। लश्कर ने ही उसको ट्रेनिंग दी थी। कई बार सईद ने हेडली को दावत पर भी बुलाया था।
पहली बार 2006 में रेकी
2002 में हाफिज सईद ने भारत पर बड़े हमले का प्लान बनाया था। हेडली राणा की मदद से मुंबई आया था। तहव्वुर राणा कनाडा में फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नाम की एक ट्रैवल एजेंसी चलाता था। राणा की मदद से एक ब्रांच हेडली ने मुंबई में खोली थी। इसके बाद हेडली लगातार मुंबई आने लगा। सूत्रों के मुताबिक 14 सितंबर 2006 को हेडली ने पहली बार मुंबई आकर रेकी की थी।
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इसके बाद हेडली ने 7 बार और रेकी की लिए मुंबई की विजिट की। सूत्रों के मुताबिक हमलों के बाद भी हेडली एक बार भारत आया था। सूत्रों के मुताबिक हेडली ने हमलों से पहले समुद्री किनारों का निरीक्षण भी किया था। बताया जाता है कि उसने कई सितारों के साथ भी जान-पहचान बढ़ाई थी। हेडली को लग्जरी लाइफ जीन का शौक है।
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