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कौन हैं भारत माता के वो 3 सपूत, जिन्होंने Operation Sindoor को बनाया कामयाब

Operation Sindoor: भारतीय सेना ने जमीन, हवा और समुंद्र के रास्ते पाकिस्तान की नापाक हरकत को नाकाम कर दिया। पाक की नामी मिसाइलों को हवा में ध्वस्त कर दिया। पाकिस्तान को हर तरफ से घेरने वाली भारतीय सेना को लीड करने वाले भी बड़े बहादुर और जाबांज हैं।

Author Edited By : Md Junaid Akhtar Updated: May 11, 2025 22:04
Operation sindoor, indian army
भारतीय जल, थल और वायु सेना के प्रमुख

Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारतीय सेना ने जमीन, हवा और समुंद्र के रास्ते पाकिस्तान की नापाक हरकत को नाकाम कर दिया। साथ ही पाक की नामी मिसाइलों को हवा में ध्वस्त कर दिया। पाकिस्तान को हर तरफ से घेरने वाली भारतीय सेना को लीड करने वाले भी बड़े बहादुर और जाबांज हैं। आइए आपकों को भारत माता के इन तीन वीर सपूतोंव् से मिलवाते हैं जिन्होंने पाकिस्तान को हर मोर्च पर तबाह और बर्बाद कर दिया।

थल सेना प्रमुख (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई

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भारतीय थल सेना प्रमुख (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने ऑपरेशन सिंदूर को लीड किया है। पाकिस्तान के खिलाफ हमलों की पूरी रणनीति बनाने की जिम्मेदारी जनरल राजीव घई ने ही की थी। पिछले साल अक्टूबर (2024) में घई ने साऊथ ब्लॉक स्थित आर्मी हेडक्वार्टर में DGMO का पद संभाला है।

आतंकियों से दो-दो हाथ का अनुभव

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लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई इससे पहले डेढ़ साल तक श्रीनगर स्थित चिनार कोर (15वीं कोर) के कमांडिंग इन चीफ (GOC) के पद पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। ऐसे में लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई LOC यानी नियंत्रण रेखा और कश्मीर घाटी में आतंकियों से दो-दो हाथ करने का भी खास अनुभव है।

वायु सेना प्रमुख फाइटर कॉम्बैट लीडर

विंग कमांडर अवधेश कुमार भारती (18781) एफ (पी) को 13 जून 87 को फ्लाइंग ब्रांच में कमीशन दिया गया था। 20 साल की शानदार सेवा में, अधिकारी ने कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर पार किए हैं। वह एक फाइटर कॉम्बैट लीडर हैं और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज के स्नातक हैं। वह सुखोई-30 एमके स्क्वाड्रन के फ्लाइट कमांडर थे। उन्होंने वायु सेना मुख्यालय में वायु रक्षा संचालन के संयुक्त निदेशक के रूप में एक स्टाफ नियुक्ति भी की है।

एयर मार्शल ‘थ्री स्टार’ से सम्मानित

एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती को दुर्घटना मुक्त उड़ान (उत्कृष्ट प्रदर्शन) के लिए ‘थ्री स्टार’ से सम्मानित किया गया है। कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए उन्हें 1997 में सीएएस द्वारा भी सराहा गया था। स्क्वाड्रन ने अभ्यास इंद्रधनुष 2006 के दौरान यूनाइटेड किंगडम की रॉयल एयर फोर्स के साथ और अभ्यास गरुड़ 2007 के दौरान फ्रांसीसी वायु सेना के साथ अभ्यास करके प्रशंसा भी जीती। अवधेश कुमार भारती राष्ट्रपति से भी वीर पुरस्कार से भी सम्मानित हैं।

नौसेना प्रमुख ने हर मोर्च पर मजबूत

वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने 15 जनवरी 2024 को महानिदेशक नौसेना संचालन (DGNO) के रूप में कार्यभार संभाला। 38 वें एकीकृत कैडेट कोर्स, नौसेना अकादमी, गोवा के पूर्व छात्र, उन्हें 1 जुलाई 1990 को भारतीय नौसेना में कमीशन दिया गया था। फ्लैग ऑफिसर एक कैट ‘ए’ सी किंग एयर ऑपरेशन ऑफिसर और संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक्स वारफेयर विशेषज्ञ हैं। उनकी महत्वपूर्ण नियुक्तियों में पश्चिमी बेड़े के बेड़े के संचालन अधिकारी, भारतीय नौसेना के जहाज अभय, शार्दुल और सतपुड़ा की कमान, कार्यकारी अधिकारी राजपूत, एससीओ सुजाता और जीओ II कृपाण शामिल हैं।

इन पदों पर भी रहे काबिज

उन्होंने पोर्ट ब्लेयर में नौसेना वायु स्टेशन, उत्क्रोश की कमान संभाली और डीएसएससी, वेलिंगटन में डायरेक्टिंग स्टाफ भी रहे। उन्होंने महत्वपूर्ण स्टाफ नियुक्तियों में संयुक्त निदेशक, नौसेना वायु स्टाफ और संयुक्त निदेशक, निदेशक और विमान अधिग्रहण के प्रमुख निदेशक जैसे पद भी संभाले हैं। वे 2016-19 और 2006-09 से भारतीय सामरिक और परिचालन परिषद (INSOC) और सामरिक लेखा परीक्षा समूह (TAG) के सदस्य भी रहे हैं।

First published on: May 11, 2025 10:03 PM

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