1 December को मनाया जाता है World AIDS Day, जानिए थीम, लक्षण से लेकर बचाव
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World AIDS Day 2023: एक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (AIDS) गंभीर और लाइलाज बीमारी है, जिसका खतरा ग्लोबल लेवल पर बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। विश्व एड्स दिवस के खास मौके पर HIV संक्रमण के प्रति सभी लोगों को जागरूक किया जाता है। इसे और बढ़ावा देने के लिए हर साल WHO एड्स दिवस पर एक थीम डिसाइड करती है, जिसमें इस साल थीम रखी है "Let Communities Lead" यानी 'समुदायों का मार्ग दर्शन करने दें' पर मना रही है।
WHO ने पहली बार वर्ल्ड एड्स दिवस की शुरुआत 1988 में की थी। इस दिन का मकसद एचआईवी/एड्स के बारे में जागरूकता के साथ-साथ इस बीमारी से प्रभावित लोगों को सपोर्ट करना होता है। यह थीम एड्स से प्रभावित लोगों को अपने जीवन को बेहतर बनाने में साथ देती है। एड्स से प्रभावित लोगों को हेल्थ से जुड़ी सेवाओं, शिक्षा और रोजगार के समान अवसर मिल पाए। इसलिए WHO ने इस थीम को रखा है, ताकि मकसद पूरा हो सके।
क्यों मनाते हैं विश्व एड्स दिवस
एड्स के बारे में जागरूकता फैलाने के साथ-साथ इससे प्रभावित लोगों को भेदभाव के बिना समाज में सुरक्षित जीवन जी पाएं। विश्व एड्स दिवस एचआईवी से निपटने के लिए नई मेडिसिन के साथ साथ इलाज में सुधार करना है।
क्या है एड्स ?
एड्स, एचआईवी वायरस के संक्रमण के कारण होने वाली बीमारी है। यह शरीर की इम्यूनिटी को नुकसान पहुंचाकर इस बीमारी से लड़ने की ताकत को काफी कमजोर कर देता है। सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (STD) के अलावा ये इंफेक्शन संक्रमित खून के चढ़ाने, संक्रमित इंजेक्शन का इस्तेमाल करने से दूसरे में फैल सकता है। प्रेग्नेंसी या ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान मां से उसके बच्चे में भी होने का डर रहता है।
कैसे पहचानें एचआईवी का संक्रमण है या नहीं
एचआईवी से संक्रमित कुछ लोगों में वायरस के शरीर में अंदर आने के 2 से 4 हफते के भीतर फ्लू जैसी बीमारी होने लगती है। इसके अलावा बुखार, सिर में दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, गले में खराश और मुंह में घाव होना, वजन घट जाना भी इस बीमारी का लक्षण माना जाता है।
कैसे करें बचाव
- अपने पार्टनर के अलावा किसी दूसरे के साथ फिजिकल रिलेशन न रखें।
- इस्तेमाल में ली गई सूई का प्रयोग न करें।
- खून की जरूरत होने पर अनजान व्यक्ति से खून न लें।
- एड्स एक लाइलाज बीमारी है, इसमें बचाव ही उपचार है।
एचआईवी संक्रमण को रोकने के लिए कोई वैक्सीन नहीं है। एड्स को लाइलाज बीमारी ही माना जाता है। इसलिए एचआईवी संक्रमण से बचाव बहुत जरूरी है। हाथ मिलाने, संक्रमित व्यक्ति के छींकने और खांसने से निकलने वाली ड्रॉपलेट, संक्रमित के साथ खाना खाने से ये संक्रमण नहीं फैलता है। ऐसे लोगों से इसलिए किसी भी तरह का भेदभाव नहीं करना चाहिए। खुद इस बीमारी से बचाव करें और इसके साथ ही दूसरों को भी बचाव के लिए प्रेरित करना चाहिए।
Disclaimer: इस लेख में बताई गई जानकारी और सुझाव को पाठक अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। News24 की ओर से किसी जानकारी और सूचना को लेकर कोई दावा नहीं किया जा रहा है।
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