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थेरेपी या प्राकृतिक, मेनोपॉज को ठीक करने के लिए क्या अपनाएं? डॉक्टर से जानें शुरुआती संकेत और उपाय

Women Health Tips: महिलाओं को मेनोपॉज के समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यह उनके लिए एक चुनौतीपुर्ण स्थिति होती है, क्योंकि इस समय उनका शरीर मानसिक और शारीरिक बदलावों को एकसाथ महसूस कर रहा होता है। हालांकि, महिला के जीवनकाल में उन्हें एक न एक दिन इस स्थिति से गुजरना होता है […]

Women Health Tips: महिलाओं को मेनोपॉज के समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यह उनके लिए एक चुनौतीपुर्ण स्थिति होती है, क्योंकि इस समय उनका शरीर मानसिक और शारीरिक बदलावों को एकसाथ महसूस कर रहा होता है। हालांकि, महिला के जीवनकाल में उन्हें एक न एक दिन इस स्थिति से गुजरना होता है लेकिन पहले से सही तैयारी कर ली जाए तो आपको काफी मदद मिल सकती है। डॉ. बात्रा'ज® हेल्थकेयर के डॉ. तेजल अजमेरा पटेल बताती हैं कि ये समय नाजुक होता है, ऐसे में उनका ख्याल रखना पार्टनर की भी जिम्मेदारी होती है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

होमियोपैथी एक्सपर्ट डॉक्टर तेजल कहती हैं कि मेनोपॉज यानी महिलाओं का मासिक धर्म रुक जाना, सिर्फ एक बदलाव नहीं बल्कि शरीर और मन के लिए चुनौतीपूर्ण समय है। हॉट फ्लैश, जोड़ों में दर्द, मूड बदलना और थकान जैसी परेशानियां होना आम हैं। साथ ही, इससे हड्डियों की मजबूती कम होने लगती है और फ्रैक्चर का खतरा भी बढ़ जाता है।

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पेरिमेनोपॉज के समय ही सावधानी बरतना जरूरी

पेरिमेनोपॉज वह समय है जब मासिक धर्म बंद होने से पहले ही शरीर में हार्मोन धीरे-धीरे कम होने लगते हैं। एस्ट्रोजन नामक हार्मोन हड्डियों को मजबूत रखने में मदद करता है, जिसकी मात्रा घटने लगती है। इस समय ही महिलाओं को अपनी सेहत का ख्याल रखना शुरू कर देना चाहिए।

HRT क्या है?

हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) एक थेरेपी होती है, जो शरीर को हार्मोन देता है और मेनोपॉज के लक्षणों को कम करता है। मगर ये थोड़ा खतरनाक भी होता है क्योंकि इससे कुछ महिलाओं को पेट फूलने, ब्लड क्लॉटिंग और कैंसर होने का रिस्क भी रहता है।

मेनोपॉज के दौरान अपनाएं ये आसान टिप्स

वजन नियंत्रित रखें- वजन सही होने से हॉट फ्लैश की समस्या कम होते हैं और हड्डियां मजबूत रहती हैं।

हड्डियों के लिए सही खानपान- मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को अपनी डाइट में कैल्शियम, विटामिन-डी और प्रोटीन फूड्स को शामिल करना चाहिए।

सक्रिय रहें- शारीरिक रूप से एक्टिव रहना भी जरूरी है। इसलिए, वॉक, योग या हल्का व्यायाम करें।

अच्छी नींद लें- अच्छी दिनचर्या का पालन करें ताकि रात को नींद सही से आ सके।

पानी खूब पिएं- कैफीन, शराब और तीखे खाने से बचें और भरपूर मात्रा में पानी पिएं।

तनाव कम करें- मेडिटेशन, गहरी सांस और अपने पसंदीदा काम जरूर करें।

इन संकेतों से समझें मेनोपॉज कितना नजदीक है?

एक्सपर्ट के मुताबिक, मेनोपॉज होने की उम्र पहले 50 के बाद की थी, जो अब घटकर 40 हो चुकी है। समय से पहले मेनोपॉज होना उनकी सेहत के लिए सही नहीं है। इन संकेतों की मदद से समझें मेनोपॉज होने वाला है या नहीं।

  • मेंटल हेल्थ में बदलाव देखना, मूड स्विंग्स और स्ट्रेस या डिप्रेशन।
  • जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द।
  • स्किन का धीरे-धीरे खराब होना और बालों का झड़ना।
  • रात में पसीना आना।
  • थकान महसूस करना।

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