Health news: 20 साल से अधिक उम्र की युवतियां क्यों होती हैं थायराइड की शिकार ? एक्सपर्ट ने बताई वजह
बीस साल से अधिक उम्र की महिलाएं हाइपोथायरायडिज्म का क्यों होती हैं शिकार।
Health news: हाइपोथायरायडिज्म को अंडर एक्टिव थायराइड रोग भी कहा जाता है। यह एक सामान्य विकार है। यब तब होता है जब आपकी थायरायड ग्रंथि पर्याप्त थायरायड हार्मोन नहीं बनाती। आमतौर पर बीमारी मध्यम आयु वर्ग की महिलाओं से जुड़ी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, हाइपोथायरायडिज्म के सबसे आम लक्षणों में से एक थकान है, जो दुर्बल करने वाली हो सकती है और दैनिक गतिविधियों को प्रभावित कर सकती है।
मुंबई में अपोलो स्पेक्ट्रा में आंतरिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ छाया वाजा ने इसके बारे में बताया इसके अन्य लक्षणों में वजन बढ़ना, कब्ज, शुष्क त्वचा, बालों का झड़ना और ठंडक महसूस होना शामिल है। प्रतिरक्षा प्रणाली थायरॉयड ग्रंथि पर हमला करती है। इस बीमारी के लिए कुछ जन्मजात कारण हो सकते हैं, जिनमें हाशिमोटो थायरॉयडिटिस, आयोडीन की कमी और जन्मजात हाइपोथायरायडिज्म शामिल हैं जो जन्म के समय मौजूद एक स्थिति होती है।
यह भी पढ़ें : सिरदर्द हर बार माइग्रेन नहीं साइनस भी हो सकता है, लक्षण देखें और खुद पहचानें
हाल के वर्षों में, 20 वर्ष की आयु की युवा महिलाओं में इस बीमारी से पीड़ित होने की संख्या में चिंताजनक वृद्धि हुई है। इस बीमारी के लिए आनुवांशिकी और हार्मोनल असंतुलन भी जिम्मेदार है। डॉ. छाया वाजा ने इसको विस्तार से समझाया है।डॉ. वाजा कहती हैं कि इसका एक संभावित कारक अनियमित जीवनशैली है, जो कई युवा महिलाएं अपनाती हैं। व्यस्त कार्यक्रम, अपर्याप्त पोषण और अत्यधिक तनाव सभी कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली में योगदान करते हैं। जब हमारे शरीर के रक्षा तंत्र कमजोर हो जाते हैं, तो संक्रमण से लड़ना और थायरॉयड ग्रंथि को विनियमित करने के लिए जिम्मेदार हार्मोन उत्पादन सहित उचित हार्मोन उत्पादन अधिक चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
इसके साथ ही बीमारी के लिए पर्यावरणीय कारकों को भी नज़र अंदाज नहीं किया जा सकता। हमारे रोजमर्रा के उत्पादों में अंतःस्रावी-विघटनकारी रसायनों (ईडीसी) का प्रचलन समय के साथ नाटकीय रूप से बढ़ गया है। यह ईडीसी विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़े हुए हैं और सामान्य थायरॉइड फ़ंक्शन को बाधित कर सकते हैं। आजकल युवा महिला इन खतरों से निपटने के लिए नियमित व्यायाम, पोषक तत्वों से भरपूर आहार, योग और ध्यान जैसी तनाव-प्रबंधन तकनीकों को अपनाकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। डॉ. वाजा ने कहा कि युवा महिलाओं को हेल्थ चेकअप की नियमित अनुमति दी जानी चाहिए।
यह भी पढ़ें : सुबह, दोपहर या शाम…किस टाइम न खाएं केला? इन बातों का रखें ख्याल, नहीं तो होंगे बीमार!
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.