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क्या नॉर्मल है पेशाब के दौरान ठंड लगना? कहीं इस गंभीर बीमारी का संकेत तो नहीं

Urine Symptoms: पेशाब रुक-रुक कर आना या पेशाब के दौरान ठंड लगना गंभीर बीमारियों जैसे डायबिटीज और न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का संकेत हो सकता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं इसके कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार से समाधान।

Urine Symptoms: कई बार हमारे शरीर में कुछ ऐसी बीमारियां पनप रही होती है, जिसके लक्षण हम समझ नहीं पाते हैं। जैसे पेशाब रुक-रुक कर आना। पेशाब हमारी पूरी बॉडी के बारे में बता सकता है, उसमें थोड़ा बदलाव बड़ी बीमारी का संकेत होका है। ठीक वैसे ही पेशाब के दौरान ठंड लगना या फिर पेशाब ठंडा आना दिमाग की बीमारी का लक्षण होता है। हालांकि, ये अनुभव लोगों को सामान्य लग सकता है लेकिन बार-बार इस परेशानी को महसूस करने पर आपको इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

क्यों होता है ऐसा?

आयुर्वेदाचार्य तनमय गोस्वामी बताते हैं कि जब किसी को बहुत ज्यादा स्ट्रेस और टेंशन हो जाती है। उन्हें अक्सर पेशाब रुक-रुककर आएगा और फिर फुरफुरी धारा में पेशाब आएगा। इसमें लोगों को पेशाब रुकने के बाद ठंड महसूस होती है और कई बार यूरिन भी ठंडा रिलीज होता है। ऐसे में ये समस्या डायबिटीज के अलावा, न्यूरो प्रॉब्लम का भी लक्षण है।

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कौन सी बीमारियों का संकेत?

ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम

दरअसल, पेशाब करने की प्रक्रिया शरीर के ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम द्वारा नियंत्रित होती है। जब हमारा ब्लैडर पेशाब करने के बाद खाली होता है, तो शरीर में अचानक ब्लड प्रेशर या तापमान में हल्का बदलाव दिखाई देता है, जिससे सिहरन और ठंड सी लगती है। इसे pee shiver (पी शिवर) भी कहा जाता है। असल में इसमें पेशाब करते हुए कंपन होती है, जो ठंडी का अहसास देती है।

नर्वस सिस्टम से जुड़े रोग

पेशाब में कंपन या ठंडक होने के पीछे कुछ न्यूरोलॉजिकल स्थितियां जैसे मल्टीपल स्केलेरोसिस (MS) या स्पाइनल कॉर्ड इंजरी भी शामिल है। ये बिमारियां गंभीर होती हैं क्योंकि ये मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी से जुड़ी रहती है। इस बीमारी में मरीज को देखनें में भी परेशानी होती है।

डायबिटीज

हालांकि, बार-बार पेशाब आना डायबिटीज का सबसे कॉमन संकेत होता है लेकिन उससे भी ज्यादा गंभीर लक्षण पेशाब रुक-रुककर आना या पेशाब का तापमान ठंडा महसूस करना है। इसलिए, हमें इस लक्षण को भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। कई बार मरीजों को टाइप-2 में भी ये समस्या होती है।

कैसे पाएं इस समस्या से राहत?

तनमय गोस्वामी बताते हैं कि आयुर्वेदिक उपाय से इस समस्या से छुटकारा पाने में काफी मदद मिल सकती है। इसके लिए बस हमें कुछ चीजों की जरूरत है। पाठा, गोखरू और कौंच पाउडर। इन सभी को मिलाकर एक मिश्रण तैयार करना है। इसे दिन में या खाली पेट खाना सबसे बेहतरीन होता है।

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