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रोजाना 7 घंटे से कम सोते हैं? जानें कम नींद के 12 नेगेटिव साइड इफेक्ट्स

Sleep Deprivation Effects on health: व्यस्त जिंदगी में अक्सर ऐसा होता है कि हमें सही से सोने का समय नहीं मिल पाता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो हर किसी को 8 घंटे की भरपूर नींद लेनी चाहिए। अगर आप 7 से भी कम नींद लेते हैं,तो क्या हो सकता है इसका असर जानें।

कम सोने के नुकसान Image Credit: Freepik

Sleep Deprivation Effects on health: अच्छी और भरपूर नींद लेना ओवरऑल हेल्थ के लिए जरूरी है। शरीर को आराम देने,रिपेयर करने के लिए नींद जरूरी है। जबकि हर किसी की नींद अलग-अलग हो सकती है, अधिकतर एडल्ट्स को रोज रात को लगभग 7 से 9 घंटे की नींद की जरूरत होती है। यह अवधि शरीर को गहरी नींद और आरईएम (rapid eye movement) नींद सहित इसके चरणों से गुजरती है, जो फिजिकल और मेंटल हेल्थ के लिए महत्वपूर्ण हैं। कई बार कम नींद लेने से कई नेगेटिव इफेक्ट पड़ सकते हैं। लगातार नींद की कमी से ओवरऑल हेल्थ पर गंभीर दिखने लगता है।

कम नींद लेने के 12 नेगेटिव साइड इफेक्ट्स

कॉग्निटिव इंपेयरमेंट

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नींद की कमी से याददाश्त, ध्यान और डिसीजन लेने की कैपेसिटी पर असर होता है। इससे ध्यान करने में परेशानी हो सकती है और आपका कार्य प्रदर्शन भी खराब हो सकता है।

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दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ना

नींद की कमी के चलते कोर्डिनेशन और समय को खराब करती है, जिससे गाड़ी चलाते समय, मशीनरी चलाते समय या अन्य खतरनाक काम करते समय दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ सकती है।

कमजोर इम्यूनिटी

नींद की लगातार कमी से इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, जिससे आपको सर्दी या फ्लू जैसे इंफेक्शन होने का खतरा रहता है।

मूड बदलना

कम नींद लेने से चिड़चिड़ापन, मूड में बदलाव, चिंता बढ़ सकती है और डिप्रेशन जैसे मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर विकसित होने का खतरा बढ़ता है।

वजन बढ़ना

नींद की कमी से भूख के हार्मोन को बैलेंस करने में बाधा आती है, जिससे भूख में बढ़ोतरी होती है और अनहेल्दी फूड खाने का मन करता है (जंक या प्रोसेस फूड)। इससे वजन बढ़ने लगता है और मोटापा बढ़ सकता है।

पुरानी बीमारियों का जोखिम बढ़ जाना

भरपूर नींद न लेने से दिल से जुड़ी बीमारियां, डायबिटीज और कुछ प्रकार के कैंसर विकसित होने का जोखिम बढ़ता है।

ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म बिगड़ना

नींद की कमी शरीर के ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने की क्षमता पर असर करने लगती है, जिससे इंसुलिन रेजिस्टेंस और डायबिटीज विकसित होने का जोखिम बढ़ जाता है।

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हार्मोनल इंबैलेंस

नींद की कमी से भूख पर कंट्रोल, तनाव और सेक्शुअल हेल्थ सहित अलग-अलग हार्मोनों के सामान्य रेगुलेशन में बाधा डालती है।

सूजन का बढ़ना

नींद की लगातार कमी से शरीर में सूजन रिएक्टिव होती है, जो हार्ट डिजीज, शुगर और ऑटोइम्यून डिसऑर्डर सहित अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं।

सेक्शुअल डिस्फंक्शन

नींद की कमी से सेक्स ड्राइव में कमी, हार्मोनल इंबैलेंस, पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन और महिलाओं में सेक्शुअल प्रॉब्लम आती हैं।

अनहेल्दी स्किन

नींद की कमी शरीर स्किन पर असर डालती है, जिससे सुस्ती, ड्राईनेस, झुर्रियां और मुंहासे और एक्जिमा जैसी स्किन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।

दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ना

नींद की कमी आपकी सतर्कता और विजिलेंस को खराब करती है, जिससे वर्कप्लेस या मनोरंजक गतिविधियों के दौरान दुर्घटनाओं का खतरा काफी बढ़ जाता है।

हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि कुछ लोगों को नेचुरल रूप से कम नींद की जरूरत हो सकती है, जबकि अन्य को ज्यादा की जरूरत हो सकती है। जरूरी नींद की मात्रा उम्र, एक्टिविटी लेवल, हेल्थ कंडीशन और लाइफस्टाइल फैक्टर के आधार पर अलग हो सकती है।

Disclaimer: इसमें दी गई जानकारी पाठक खुद पर अमल करने से पहले डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह जरूर कर लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।


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