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कोविड के डर से अस्पतालों में बढ़े जुकाम-फलू के केस, विशेषज्ञों ने ऐसे मरीजों को दिए ये सुझाव

देशभर में इस समय कोरोना वायरस के कई वेरिएंट्स आ चुके हैं। भारत में फिलहाल स्थिति अंडर कंट्रोल है। वहीं, फरीदाबाद में फैले भ्रम और डर के बाद डॉक्टर लोगों को सही इलाज लेने के लिए कहा और फ्लू को कोविड समझने वाले लोगों को सचेत किया।

देशभर में इस समय कोरोना वायरस के कई वेरिएंट्स सक्रिय हो चुके हैं। हालांकि, कोरोना वायरस सिर्फ एक देश नहीं बल्कि पूरी दुनिया में फैलने वाला संक्रमण है। इस समय कई देशों में कोरोना वायरस सक्रिय हो चुका है। एशियाई देशों में भी इसका प्रकोप जारी है। भारत में फिलहाल स्थिति अंडर कंट्रोल है। केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने अपनी निगरानी भी बढ़ा दी है, ताकि कम से कम लोग इस महामारी का शिकार हों। वहीं, दूसरी तरफ हरियाणा के फरीदाबाद में अमृता अस्पताल के पल्मोनोलॉजी वार्ड में अनावश्यक दहशत का माहौल है। ओपीडी में अपॉइंटमेंट बढ़ रहे हैं। लोग इमरजेंसी वार्ड की ओर भाग रहे हैं, उन्हें लगता है कि उन्हें सर्दी, खांसी या गले में खराश है, जिस वजह से उन्हें लग रहा है कि कोविड के इलाज की जरूरत है।

क्या कहते हैं डॉक्टर?

विभाग के युवा एचओडी डॉ. अर्जुन खन्ना ये सब देखकर हैरान हैं। वे कहते हैं कि लोग घबरा रहे हैं। अब तक हमने जितने भी मामले देखे हैं उनमें से हर एक में हल्का लक्षण था। असल में हम लोगों से टेस्ट न करवाने के लिए कह रहे हैं, इससे सिर्फ बेवजह डर और भ्रम फैल रहा है। इस डर और भ्रम से लोग परेशान हो रहे हैं और अस्पताल की स्थिति भी खराब हो रही है। डॉ. खन्ना ने भ्रम फैलाने वाले लोगों को भी दोषी ठहराया। उन्होंने ये भी कहा कि टीवी चैनल चीन के पुराने कोविड वीडियो को फिर से दिखा रहे हैं। अब उस फुटेज से लोगों को डराने का कोई मतलब नहीं है। हम ओपीडी में अनावश्यक भीड़ देख रहे हैं, क्योंकि लोग मौत से डरे हुए हैं। यहां तक कि जिन मौतों को कोविड के कारण बताया जा रहा है, वे वास्तव में कोविड के कारण नहीं हुई हैं। एक मरीज को कैंसर था और उनकी मौत कोविड से नहीं हुई है। ये भी पढ़ें- Covid Alert: राजस्थान में फिर एक्टिव मोड में कोरोना वायरस, 24 घंटे में दो मरीजों की मौत

लोगों को दिख रहा कोरोना का डर

डॉक्टर का कहना है कि आम सांस से जुड़ी बीमारियां जैसे इंफ्लुएंजा और सामान्य फ्लू कहीं ज्यादा आम, गंभीर और कम चर्चित हैं। लोग अस्पताल में भर्ती होते हैं, वेंटिलेटर पर जाते हैं, यहां तक कि इन्फ्लूएंजा से मर भी जाते हैं और हम इसके बारे में शायद ही बात करते हैं। इससे पूरी तरह से वैक्सीन से रोका जा सकता है और हमारे पास सालों से एक प्रभावी वैक्सीन है। यही वह जगह है जहां हमें अपनी ऊर्जा केंद्रित करनी चाहिए। डॉ. खन्ना बताते हैं कि कोविड ने एक क्लासिक वायरल पैटर्न का पालन किया है, जो वायरस तेजी से फैलते हैं और समय के साथ कमजोर पड़ जाते हैं। यह उनका प्राकृतिक चक्र है। उदाहरण के लिए, एचआईवी धीमा है। कोविड तेजी से फैलता है, इसलिए यह अपनी घातकता भी तेजी से खो देता है। वे कहते हैं कि उन्होंने हाल के दिनों में एक भी कोविड टेस्ट नहीं लिखा है और जो भी पॉजिटिव मामले आए हैं, वे आकस्मिक हैं। उन्होंने ये भी कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है अगर आपको फ्लू है तो उसकी दवा लें या वैक्सीन लगाएं, उसे कोरोना महामारी न समझें, क्योंकि इससे लोगों में डर और भ्रम फैलता है। ये भी पढ़ें- Covid Alert: कोरोना के नए वेरिएंट ने अमेरिका को चौंकाया, संक्रमण से हर सप्ताह हुई थीं 350 मौतें 


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