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Liver Health Tips: भारत में हेपेटाइटिस-बी का बढ़ रहा रिस्क, जानें लिवर की इस बीमारी के बारे में

Liver Hepatitis Causes: लिवर की बीमारियों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी होनी चाहिए क्योंकि यह एक ऐसी बीमारी है, जो कई कारणों से हो सकती है। हेपेटाइटिस-बी भी लिवर की बीमारी का एक कारण है। यह भारत में होने वाला संक्रामक रोग है। आइए इसके वैक्सीन के बारे में भी जानने की कोशिश करते हैं।

Liver Hepatitis Causes: लिवर डिजीज लाइफस्टाइल से संबंधित बीमारी है, जो इन दिनों आम समस्या हो गई है। वहीं, हेपेटाइटिस, जो एक और लाइफस्टाइल संबंधित परेशानी है। हेपेटाइटिस-बी एक संक्रामक रोग है, जिससे लिवर की सेहत भी बिगड़ सकती है। मानसून में यह बीमारी काफी हद तक बढ़ जाती है, क्योंकि इस मौसम में दूषित पानी और भोजन बहुत ज्यादा मिलता है, जिसका सेवन करने से हेपेटाइटिस-बी होता है और लिवर की बीमारी होती है।  हेपेटाइटिस बी की नई दवा हाइड्रोनिडोन ने इस बीमारी को लेकर एक नई उम्मीद दिखाई है। चलिए जानते हैं इस वैक्सीन और हेपेटाइटिस के बारे में विस्तार से।

हेपेटाइटिस-बी क्या है?

हेपेटाइटिस बी में वायरल इंफेक्शन के चलते लिवर में इंफेक्शन होता है, जो लिवर को नुकसान पहुंचता है। इसमें दूषित पानी के संपर्क में आने से संक्रमण होता है। क्रोनिक हेपेटाइटिस बी लाइलाज बीमारी है। इसमें समय पर उपचार न मिलने पर लिवर में कई प्रकार की बीमारियां हो सकती है। ये भी पढ़ें- भीगे कपड़े, गीले जूते और गंदा पानी…बारिश में भीगना न पड़ जाएगा भारी, अपनाएं ये जरूरी टिप्स

हेपेटाइटिस-बी से लिवर डिजीज का संबंध?

हेपेटाइटस बी फाउंडेशन के हेल्थ कॉलम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हेपेटाइटिस-बी और लिवर डिजीज का संबंध आपस मं हैं। इससे फैटी लिवर की समस्या बढ़ जाती है। क्रोनिक हेपेटाइटिस-बी से लिवर को सबसे ज्यादा नुकसान होता है। हालांकि, अभी इस पर और रिसर्च होनी बाकि है मगर ये एक-दूसरे से संबंधित है इसकी पुष्टी की जा चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में लगभग 30 करोड़ लोगों को हेपेटाइटिस-बी है, जबकि भारत में 4 करोड़ लोग इसके मरीज है।

क्या इससे कैंसर हो सकता है?

जी हां, हेपेटाइटिस-बी से लिवर का कैंसर हो सकता है। इसे हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा कहते हैं, जो लिवर का कैंसर होता है। इसे साइलेंट किलर कैंसर का प्रकार भी माना जाता है क्योंकि इसमें लक्षण दिखाई नहीं देते हैं और अंदर ही अंदर लिवर को डैमेज करता है। इससे कैंसर होने के कई कारण शामिल है, जैसे कि 6 महीने से ज्यादा हेपेटाइटिस होना और लिवर में लगातार सूजन होना। हेपेटाइटिस-बी से इम्यून सिस्टम पर भी असर पड़ता है, जिससे लिवर की कार्यक्षमता कमजोर हो सकती है।

वैक्सीन से क्या लाभ होगा?

बीएमसी गैस्ट्रोइंटेरोल की रिपोर्ट के मुताबिक, हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा के मरीजों में हेपेटाइटिस बी से कैंसर होता है। इसके लिए इम्यूनोथेरेपी से इलाज किया जा सकता है। उन्होंने इस पर एक अध्ययन में 162 रोगियों पर टेस्टिंग की थी। हेपेटाइटिस-बी की वैक्सीन हाइड्रोनिडोन एक नई दवा बताई जा रही है, जो इस बीमारी से बचाव में मदद करता है। हाइड्रोनिडोन की मदद से क्रोनिक हेपेटाइटिस-बी के संक्रमण से बचाव होगा। इससे लिवर फाइब्रोसिस की रोकथाम भी की जा सकती है। हालांकि, फिलहाल इसके दूसरे फेज के ट्रायल अभी बाकी है। मगर कुछ मरीजों में दवा का सकारात्मक असर देखा गया है। इस ट्रीटमेंट को एंटीवायरल ट्रीटमेंट माना जा रहा है। इससे हेपेटोटॉक्सिसिटी की समस्या कम होता है, जो हानिकारक चीजों के संपर्क में आने से लिवर की सेहत बिगड़ती है। वहीं, चीन में इस्तेमाल करने के लिए इस वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है। ये भी पढ़ें- Monsoon Health Tips: मौसम में बदलाव के कारण बढ़ रहा वायरल बीमारियों का खतरा, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट


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