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पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा है फैटी लिवर का रिस्क! जानें क्या बोलें एक्सपर्ट?

Fatty Liver Causes: फैटी लिवर की समस्या इन दिनों सबसे आम बीमारियों में से एक बन गई है। हाल ही में मध्य प्रदेश राज्य में स्वास्थ्य विभाग में फैटी लिवर की टेस्टिंग हुई थी, जहां इस बारे में पता चला कि राज्य में फैटी लिवर के अधिक मामले महिलाओं के हैं। आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में।

Fatty Liver Causes: लाइफस्टाइल सही न हो, तो हमें कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। फैटी लिवर भी इन्हीं में से एक बीमारी है। यह लिवर से संबंधित बीमारी है, जिससे इस अंग में एक्स्ट्रा फैट जमा हो जाता है। यह आमतौर पर शराब, सिगरेट तथा अनहेल्दी खाना खाने से होता है। मगर हाल ही में मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में लिवर टेस्टिंग मशीन की मदद से फैटी लिवर की स्क्रीनिंग की गई, जिसमें यह बात पता लगी कि यहां पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक फैटी लिवर रोग से ग्रसित पाई गई है। महाराजपुर ग्राम पंचायत में कार्यरत डॉक्टर आलोक चौरसिया एक प्राइवेट चैनल को बताते हैं कि जिले में लिवर चेकिंग की मशीन द्वारा जांच में पाया गया कि कई पैमानों में फैटी लिवर के मरीजों की पुष्टि हुई है। इसमें महिलाओं के संख्या सबसे ज्यादा है। ये भी पढ़ें- तेज बुखार, हाथ-पैरों में दर्द…बढ़ने लगे टाइफाइड के मामले, डॉक्टर से जानिए बचाव के उपाय

BMI के जरिए हुई जांच

डॉक्टर ने बताया कि जांच में बीएमआई यानी बॉडी मास इंडैक्स की मदद से टेस्टिंग हुई थी। बॉडी मास इंडैक्स में कमर के आस-पास का मांस, हाइट और वेट के हिसाब से शरीर का वजन मापा जाता है। यदि महिलाओं की कमर 80 सेंटीमीटर से ज्यादा होती है, तो उन्हें फैटी लिवर की श्रेणी में रखा जाता है। महिलाओं में फैटी लिवर की स्क्रीनिंग होने के बाद खून की जांच से भी पुष्टि की गई थी।

महिलाओं में फैटी लिवर के प्रमुख कारण क्या है?

हालांकि, फैटी लिवर में शराब का सेवन ही सबसे बड़ी वजह होती है। मगर महिलाओं में इसके कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं, जैसे कि शुगर की बीमारी, बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल, दवाओं का अधिक सेवन करना और हार्मोनल इंबैलेंस। शरीर का ज्यादा वजन भी फैटी लिवर का कारण होता है।

फैटी लिवर के क्या है संकेत?

  • थकान होना।
  • पेट दर्द होना, खासतौर पर दाहिने हिस्से में।
  • शरीर का पीला पड़ना।
  • गहरे रंग का पेशाब आना।
  • शरीर में सूजन होना।
  • भूख न लगना।
  • वजन कम होना।
  • सुबह के समय उल्टी या मतली होना।
  • अपच की समस्या।

बचाव के लिए क्या करें?

  • वजन कम करने के लिए व्यायाम करें।
  • संतुलित आहार का सेवन करें, जिसमें साबुत अनाज, मौसमी फल और सब्जियों हों।
  • शराब और धूम्रपान के सेवन से परहेज करें।
  • हाइड्रेशन के लिए पानी पिएं।
  • फाइबर युक्त चीजों का सेवन ज्यादा करें।
  • ग्रीन टी और हर्बल टी पिएं।
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