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महिलाओं में कोलेस्ट्रॉल कब खतरनाक हो जाता है? डॉक्टर ने बताया रिवर्स करने का आसान तरीका

Cholesterol Symptoms: शरीर में हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या खतरनाक होती है. इससे हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है. पुरुषों और महिलाओं के शरीर में कोलेस्ट्रॉल की रेंज अलग-अलग हो सकती है. आइए जानते हैं कोलेस्ट्रॉल कब खतरनाक हो जाता है, इसके शुरुआती संकेत और कम करने के उपाय.

Cholesterol Symptoms: बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल की समस्या हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ाता है. ऐसा पुरुष और महिलाओं दोनों के साथ हो सकता है. आजकल कोलेस्ट्रॉल और लाइफस्टाइल से जुड़ी अन्य बीमारियों का रिस्क सीटिंग जॉब्स करने वाले लोगों में काफी बढ़ गया है. पुरुषों और महिलाओं के शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा का मापदंड अलग हो सकता है.

हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें एक लड़की को 25 साल की उम्र में कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ था, मगर उसने इस संकेत को गंभीरता से नहीं लिया और 35 साल होने पर उसे हार्ट अटैक आ गया था. ऐसे में हमें जानना जरूरी हो गया है कि महिलाओं के शरीर में कोलेस्ट्रॉल कब खतरनाक हो जाता है.

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Cholesterol क्यों खतरनाक है?

बता दें कि कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार के होते हैं गुड और बैड. गुड कोलेस्ट्रॉल की मदद से शरीर को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है. मगर बैड कोलेस्ट्रॉल हमें बीमारियां देता है. बैड कोलेस्ट्रॉल से हार्ट की बीमारियां हो सकती हैं. हाई बीपी की समस्या भी शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से होती है. इसलिए, कोलेस्ट्रॉल की मात्रा संतुलित करना जरूरी है.

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महिलाओं के शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कितनी होनी चाहिए?

मेडिकल न्यूज टूडे की रिपोर्ट में 20 साल से अधिक आयु की महिलाओं में कोलेस्ट्रॉल की रेंज 200 मिलीग्राम/dl से कम होनी चाहिए. इसमें ldl यानी खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 100 मिलीग्राम से कम होनी चाहिए. मगर hdl यानी गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 50 मिलीग्राम से ज्यादा होनी चाहिए.

पीड़ित महिला ने जब 25 वर्ष की उम्र में अपना कोलेस्ट्रॉल चेक करवाया था तो उसका कोलेस्ट्रॉल 220mg/dl था. यह मात्रा बहुत अधिक होती है. इस कारण ही उसे 10 साल बाद हार्ट अटैक आया था. इसलिए, कभी भी कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 200 के पार जाए तो तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए और उपचार शुरू कर देना चाहिए.

कैसे नुकसान पहुंचाता है बैड कोलेस्ट्रॉल?

कोलेस्ट्रॉल भले ही सीधे-सीधे अटैक न करे लेकिन धीरे-धीरे शरीर की नसों में जमा हो जाता है. ये मोम जैसा पदार्थ नसों में जमा होता है जिस कारण नसों में प्लाक बनने लगता है और ब्लॉकेज पैदा होती है. कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर रंजन शेट्टी बताते हैं कि कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर शुरुआती समय में दिक्कत नहीं होती है लेकिन इसे हल्के में लेने से बचना चाहिए. ये आगे चलकर हार्ट अटैक का बड़ा कारण बनता है.

बैड कोलेस्ट्रॉल के लक्षण। Symptoms of Bad Cholesterol

  • सीने में भारपीन और दर्द.
  • थकान और कमजोरी महसूस करना.
  • सांस फूलना और सीढ़ियां चढ़ने की दिक्कत.
  • हाथ-पैरों में झनझनाहट होना.
  • आंखों के पास पीले मोम जैसे धब्बे होना.
  • हाई बीपी की समस्या.
  • पैरों का ठंडा रहना और दर्द होना.

कैसे रिवर्स होगा हाई कोलेस्ट्रॉल?

SAAOL हार्ट सेंटर चैनल के यूट्यूब पर शेयर किए गए एक वीडियो में हार्टकेयर एंड लाइफस्टाइल एक्सपर्ट डॉ. बिमल छाजेर ने बताया कि कॉलेस्टरोल को नेचुरली कम करने के लिए खानपान में बदलाव किया जा सकता है.

  • लहसुन खाने पर कॉलेस्ट्रोल कम हो सकता है. इसमें 9 से 15 प्रतिशत तक कॉलेस्ट्रोल को कम करने की ताकत है.
  • ओट्स के सेवन से भी कॉलेस्ट्रोल कम हो सकता है. रोजाना 2 से 3 बड़े चम्मच ओट्स का सेवन किया जा सकता है.
  • डॉक्टर का कहना है कि इसबगोल खाने पर भी कॉलेस्ट्रोल कम हो सकता है.

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