Chhath Puja 2024: हर साल दिवाली के बाद और छठ से पहले दिल्ली में प्रदूषण का कहर ऐसा होता है कि हवा के साथ-साथ यमुना नदी का पानी भी जहरीला हो जाता है। यमुना नदी के कुछ हिस्सों, खास तौर पर कालिंदी कुंज में, यमुना नदी पर जहरीले झाग तैरते देखे गए हैं, जिससे त्योहार से पहले चिंताएं बढ़ गई हैं। छठ पूजा में सूर्य देव को समर्पित नदियों में स्नान करने का अनुष्ठान शामिल है। ऐसे में वर्त रखने वाले भक्त इन नदियों में डुबकी ले रहे हैं। एक तरफ जहां जहरीली हवा लोगों को सांस लेने नहीं दे रही है, वहीं प्रदूषित पानी संक्रमण को फैलाने में अपनी अलग भूमिका अदा कर रहा है। अगर आप भी छठ पर्व पर यमुना नदी में स्नान करने जा रहे हैं तो इन बातों का ख्याल रखें, नहीं तो गंभीर बीमारियों से घिर जाएंगे।
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यमुना कैसे प्रदूषित होती है
बायो एक्सपर्ट्स की मानें तो दिल्ली की प्रदूषित यमुना में नहाने से ना सिर्फ इंसान बल्कि जानवर भी बीमार हो सकते हैं। इन एक्सपर्ट्स के अनुसार यमुना नदी दिल्ली से बाहर निकलते ही प्रदूषित होने लगती है क्योंकि बाहर नदी का ऑक्सीजन लेवल जीरो हो जाता है और फिकल इंडेक्स 9 लाख तक पहुंच जाता है। यमुना नदी के सफेद झाग में अमोनिया और फॉस्फेट जैसे हानिकारक पदार्थ होते हैं, जो सेहत को बुरी तरह प्रभावित करते हैं।
प्रदूषित यमुना में नहाने के नुकसान
1. यमुना नदी में नहाने से सांस की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। प्रदूषित पानी के संपर्क में आने से फेफड़े संक्रमित होते हैं, जिससे रेसपिरेटरी इंफेक्शन का रिस्क बढ़ता है।
2. यमुना के गंदे पानी से नहाने पर गले में दर्द, इंफेक्शन और सूजन हो सकती है।
3. इससे आंखों के इंफेक्शन के जोखिम की भी वृद्धि होती है।
4. यमुना नदी के पानी से नहाने पर लिवर और किडनी के रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है।
5. इसके अलावा, यमुना का पानी पुरानी बीमारियों को भी दोबारा एक्टिव कर सकता है।
6. अगर यह पानी पेट के अंदर चला जाए तो समस्याएं गंभीर हो सकती हैं।
7. प्रदूषित यमुना में डुबकी लगाने से स्किन इंफेक्शन हो सकता है।
डुबकी लगाने के बाद क्या करें?
प्रदूषित यमुना में नहाने के बाद साफ पानी से जरूर नहाएं।
डुबकी लगाते वक्त सिर और मुंह को पानी में डालने से बचें।