Trendingipl auctionPollutionparliament

---विज्ञापन---

CAR T-Cell Therapy से केरल में हुआ कैंसर का पहला सफल टेस्ट, जानें कितना फायदेमंद

कैंसर की बीमारी से लड़ने के लिए हमें नई और आधुनिक तकनीकों की जरूरत होती है। कार टी-सेल थेरेपी के बारे में तो आपने सुना होगा। यह ब्लड कैंसर से सुरक्षा पाने के लिए डिजाइन किया गया था, जिसका इस्तेमाल केरल के मरीज पर किया गया और यह परीक्षण सफल भी रहा है। आइए जानते हैं।

Cancer Prevention Therapy: कैंसर एक जानलेवा बीमारी है। इस रोग से बचाव करना जरूरी होता है क्योंकि इलाज होने के बावजूद भी इस बीमारी से जान जाने का रिस्क फिर भी बना रहता है। कैंसर की बीमारी को लेकर आए दिन कोई न कोई रिसर्च और स्टडी होती रहती है, जिसमें बीमारी को लेकर दवाओं, ड्रग्स और थेरेपी के बारे में पुष्टि की जाती है। CAR T-सेल थेरेपी के बारे में आपने सुना ही होगा, यह कैंसर के लिए बनाई गई एक थेरेपी है। इस थेरेपी के माध्यम से शरीर के इम्यून सिस्टम को स्ट्रॉन्ग किया जाता है, ताकि कैंसर की बीमारी को फैलने से रोका जा सके। केरल में एक मरीज पर इस टेस्ट का प्रयोग किया गया है, जो सफल भी साबित हुआ। ये भी पढ़ें- नींद की कमी से बढ़ता है इन बीमारियों का रिस्क!

रोगी का इलाज हुआ सफल

केरल के तिरुवनंतपुरम में कीम्स हेल्थ सेंटर में एक 47 वर्ष के कैंसर पीड़ित को सी आरटी सेल थेरेपी के उपचार के माध्यम से रोगमुक्त किया गया। मरीज को B-Cell non hodgkin's lymphoma (NHL) टाइप का कैंसर था, जो बी सेल्स में होता है। यह व्हाइट सेल का हिस्सा होता है। इससे ल्यूकेमिया का रिस्क बढ़ता है, जो शरीर के इम्यून सिस्टम को भी प्रभावित करता है। इलाज करने वाली टीम ने बताया कि मरीज की थेरेपी की सभी 6 चरण किए जा चुके थे लेकिन बचने की संभावना काफी कम थी।

कैसे हुआ इलाज

कीम्स हेल्थ के हेमाटो-ऑनकोलोजी डिपार्टमेंट के कंसलटेंट डॉक्टर बिजय पी नायर बताते हैं कि थेरेपी का फैसला कीमो के बाद लिया गया था। इस प्रोसेस में मरीज के शरीर के टी सेल्स को लैब में मोडिफाई किया गया था और आर्टिफिशियल टी सेल्स को शरीर में इंसर्ट किया गया था। इन टी सेल्स ने कैंसर के सेल्स को नष्ट करने में बड़ी भूमिका निभाई थी। [caption id="attachment_1076432" align="alignnone" ] cancer causes[/caption]

CAR T-सेल थेरेपी क्या है?

यह एक ऐसी थेरेपी है जिसमें शरीर के इम्यून सेल्स को मजबूत किया जाता है, जिससे कैंसर के सेल खुद ही शरीर के अंदर ही नष्ट हो जाएंगे। भारत में इसके ट्रायल चल रहे हैं। द लैंसेट की भी एक रिपोर्ट इस टी-सेल थेरेपी के बारे में पॉजिटिव आउटकम्स के बारे में पुष्टि कर चुकी है। इस थेरेपी को मुख्यत: उन्हें दिया जाता है, जिन्हें दोबारा कैंसर हो जाता है। ये भी पढ़ें- Eye Symptom: आंखों में यह संकेत छीन सकता है देखने की शक्ति, डॉक्टर ने बताई वजह Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।


Topics:

---विज्ञापन---