शरीर के किसी हिस्से में गांठ जैसा महसूस होता है, तो हमें लगता है कि वह कैंसर है। हालांकि, जागरूक होना जरूरी है क्योंकि कई बार कैंसर के मामले में हम अनदेखी कर जाते हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि हर गांठ सिर्फ और सिर्फ कैंसर हो। जी हां, कई बार शरीर के कुछ हिस्सों में जो गांठें उभरती हैं, वह अन्य कारणों से भी बनती हैं। शायद आपने भी कभी शरीर के ऊपरी हिस्से, खासकर स्तनों में कोई छोटी सी गांठ महसूस की होगी और घबरा गईं होंगी? तो जान लीजिए, हर गांठ कैंसर नहीं है। यह बहुत आम बात है और ज्यादातर मामलों में यह अन्य कारणों से भी हो जाती है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, ये हर बार चिंता की बात नहीं होती, लेकिन नजरअंदाज करना भी ठीक नहीं है। इसलिए इसके कारण जरूर समझें।
कुछ कारण इस प्रकार हो सकते हैं:
कभी-कभी ये हार्मोनल बदलाव की वजह से भी बन जाती हैं, खासकर मासिक धर्म के समय।
कुछ महिलाएं प्रेगनेंसी या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान भी ऐसे बदलाव महसूस करती हैं।
कई बार ये सामान्य फैटी टिशू या सिस्ट (पानी से भरी थैली) भी हो सकती है। यह कुछ समय बाद खुद ही गायब हो जाती है।
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गांठ बनने के कुछ सामान्य कारण:
डॉ. सुमित शाह, प्रोलाइफ कैंसर सेंटर और रिसर्च इंस्टीट्यूट, पुणे बताते हैं कि कैंसर का लक्षण खासतौर पर ब्रेस्ट में कैंसर हो सकता है। इसलिए, इस लक्षण को इग्नोर नहीं करना चाहिए। मगर यह भी जान लीजिए कि गांठें हर बार कैंसर नहीं होती हैं। डॉक्टर के अनुसार, 10 में से 8 मामलों में ये गांठें किसी और कारण से भी बन जाती हैं।
हार्मोनल इंबैलेंस।
अनियमित पीरियड्स।
मिल्क प्रोड्यूसिंग ग्लैंड्स में सूजन और संक्रमण।
पुरानी चोट या ब्रेस्ट में कोई झटका लगना।
शरीर में टॉक्सिन्स का जमाव होना।
शरीर में पित्त या कफ बढ़ना।
इसके अलावा, कुछ मामलों में गांठें हार्मोनल दवाओं, खानपान की खराब आदतों या बार-बार तनाव लेने से भी बन जाती हैं। इसे हम अपनी खराब जीवनशैली का जिम्मेदार भी मान सकते हैं। महिलाएं केवल सही खानपान और तनाव कम करके भी काफी राहत पा सकती हैं।
क्या करें अगर गांठ महसूस हो तो?
जल्दबाजी में कोई नतीजा न निकालें।
गुनगुने तेल से हल्के हाथों से गांठ और आस-पास की त्वचा की मालिश करें।
ज्यादा टाइट ब्रा न पहनें।
शरीर में पानी की मात्रा बैलेंस करें।
तनाव कम करें और नींद पर्याप्त लें।
जड़ी-बूटियों से भी मिलेगी मदद?
आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी-बूटियां हैं, जो महिला स्वास्थ्य को संतुलित करने में मदद करती हैं। इनसे अंदरूनी सूजन कम होती है और हार्मोन का बैलेंस सही रहता है।
अशोक की छाल महिलाओं में हार्मोनल संतुलन के लिए लाभकारी है।
लोधरा, फीमेल फर्टिलिटी हेल्थ को सुधारता है।
मजीठ खून को साफ करता है और सूजन कम करने में सहायक होता है।
त्रिफला से पाचन सुधरता है और शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं।
कब डॉक्टर से मिलें?
गांठ आम तौर पर सामान्य हो सकती है, लेकिन कुछ लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें।