Brain Tumor Symptoms: ब्रेन कैंसर (Brain Cancer) या ब्रेन ट्यूमर ऐसी स्थिति है जिसमें दिमाग में एब्नॉर्मल सेल्स बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर बनाती हैं जो दिमाग के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है. ब्रेन ट्यूमर का आकार छोटा या बड़ा हो सकता है. कई बार ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षण पहचानने मुश्किल हो सकते हैं और इसीलिए इलाज (Brain Tumor Treatment) समय पर नहीं मिल पाता. ऐसे में मेदांता सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के डॉक्टर मुकुंद प्रसाद बता रहे हैं किस तरह ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षण पहचाने जा सकते हैं जिससे दिक्कत को जरूरत से ज्यादा बढ़ने से रोका जा सकता है. यहां जानिए डॉक्टर का ब्रेन ट्यूमर को लेकर क्या कहना है.
ब्रेन ट्यूमर क्या होता है
जय प्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, पटना में न्यूरोसर्जरी के निदेशक और एचओडी डॉ. मुकुंद प्रसाद ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर क्या होता है. मेदांता अस्पताल के ऑफिशियल यूट्बूय चैनल से इस वीडियो को शेयर किया गया है. डॉ. मुकुंद प्रसाद ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर एक ऐसी बीमारी है जिसमें दिमाग के एक हिस्से में असामान्य कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं. ये मस्तिष्क के किसी भी हिस्से में बिना कंट्रोल किए बढ़ने वाली कोशिकाएं होती हैं.
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ब्रेन ट्यूमर होने के क्या लक्षण हैं
मिर्गी का दौरा पड़ना - डॉ. मुकुंद प्रसाद ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर होने के अनेक लक्षण (Brain Tumor Ke Lakshan) होते हैं. कुछ लक्षण ऐसे होते हैं जिनसे सबसे पहले मिर्गी होती है. अगर 25 साल की उम्र के बाद पहली बार मिर्गी का दौरा पड़ता है तो यह ब्रेन ट्यूमर का लक्षण हो सकता है. इसीलिए अगर 25 साल की उम्र के बाद पहली बार मिर्गी आए तो स्कैन जरूर कराना चाहिए जिससे पता चल सके कि यह ब्रेन ट्यूमर तो नहीं है.
सिरदर्द और उल्टी - ब्रेन ट्यूमर का दूसरा बड़ा लक्षण हैं अक्सर ही अचानक सिर का दर्द रहने लगता. अगर सिरदर्द के साथ ही उल्टियां होने लगें, चलने में या सुनने में दिकक्त होने लगे, सुबह के समय अचानक सिरदर्द (Headache) हो, सिरदर्द के साथ ही खांसी या छींक आने लगे, धुंधला दिखने लगे या सोते समय सिरदर्द होने लगे तो यह ब्रेन ट्यूमर के लक्षण हो सकते हैं.
शरीर का सुन्न पड़ना - अगर शरीर के एक तरफ अंग सुन्न पड़ने लगे हैं या बेहोशी आती है तो यह ब्रेन ट्यूमर के लक्षण हो सकते हैं. डॉक्टर का कहना है कि इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
ब्रेन ट्यूमर का क्या इलाज है
ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी (Brain Surgery) अब आसान हो गई है क्योंकि इसे पहचानने की नई-नई तकनीक आ गई है. MRI से पता चलता है कि ट्यूमर ब्रेन के किस हिस्से में है, यह ट्यूमर ब्रेन के किस काम में बाधा डाल रहा है जैसे बातचीत को या हाथ-पैर के एरिया को, और यह कितना उस एरिया को इंवोल्व कर रहा है यह भी MRI से पता चलता है और फिर निर्णय लिया जाता है कि किस तरह की सर्जरी की जाएगी.
सर्जरी में ब्रेन ट्यूमर जिस हिस्से में है उसे और उसके आस-पास की कोशिकाओं को बिना डिस्टर्ब किए ब्रेन ट्यूमर को निकाला जाता है. इसमें न्यूरो मॉनिटरिंग काम आती है.
अवेक क्रिनियोटॉमी से भी ब्रेन ट्यूमर का इलाज होता है. इसमें मरीज की जागृत अवस्था में ही दिमाग की सर्जरी की जाती है. इस सर्जरी के दौरान मरीज से बातचीत की जाती है कि उसे किसी तरह की दिक्कत तो नहीं हो रही है. अगर ब्रेन के गलत हिस्से की तरफ डॉक्टर जा रहे होते हैं तो मरीज की बातचीत से वे अंदाजा लगा सकते हैं और उस हिस्से को ऑपरेट करने से बच सकते हैं.
ब्रेन ट्यूमर सर्जरी के बाद कब किया जाता है डिस्चार्ज
डॉक्टर बताते हैं कि अब तकनीक ने कई ज्यादा विकास कर लिया है और अगर सर्जरी एकदम ठीक तरह से होती है तो मरीज को सर्जरी के बाद 2 से 3 दिनों में ही डिस्चार्ज कर दिया जाता है.
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अस्वीकरण - इस खबर को सामान्य जानकारी के तौर पर लिखा गया है. अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें या चिकित्सक से परामर्श करें. न्यूज24 किसी तरह का दावा नहीं करता है.