Sleeping Tips: माता-पिता की अक्सर ही यह परेशानी रहती है कि कुछ भी कर लिया जाए लेकिन रात में बच्चे को नींद नहीं आती है. इस समस्या से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है यह बता रहे हैं बच्चों के डॉक्टर यानी पीडियाट्रिशियन डॉ. पवन मांडविया. इस वीडियो को डॉ. मांडविया ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से शेयर किया है. डॉक्टर पवन मांडविया बताते हैं कि उनके पास एक कपल आया था जिसने बताया कि उनका 4 महीने का बच्चा सो ही नहीं रहा है. कपल ने बताया कि बच्चा सो तो जाता था लेकिन जैसे ही उसे बेड पर लेटाते थे उसके 10 से 15 मिनट में ही वो उठ जाता था और रोने लगता था. डॉक्टर ने बताया कि इसे बच्चों में होने वाला 3 मंथ स्लीप रिग्रेशन फेज कहते हैं. इस फेज में बच्चे की स्लीप साइकल (Baby's Sleep Cycle) पर बायोलॉजिकल चेंजेस देखने को मिलते हैं. इस दौरान बच्चा 6 से 7 घंटों की लंबी नींद के लिए खुद को तैयार करता है. जब बच्चा 4 महीनों का होता है तो बच्चों के ब्रेन का डेवलपमेंट होता है, ग्रोथ स्पर्ट आता है और उसकी भूख भी बढ़ती है. इन सभी चीजों से बच्चे की नींद रात में बिगड़ती है. ऐसे में कुछ बातों को ध्यान में रखकर बच्चे को रात में गहरी नींद में सुलाया जा सकता है.
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अगर बच्चा रात को ना सोए तो क्या करना चाहिए?
सेल्फ सूदिंग - डॉक्टर का कहना है कि बच्चे में सेल्फ सूदिंग को एनकरेज करना चाहिए. अगर बच्चे को बेड पर सुलाने के बाद वो 10 से 15 मिनट बाद ही रोने लगता है तो आपको उसे जाकर उठाने की जरूरत नहीं है, बल्कि आपको कुछ देर इंतजार करना है और देखना है कि वो खुद को खुद ही चुप करा ले. आप देखेंगे कि बच्चा कुछ देर बाद खुद ही आराम से सोने लगेगा.
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बेडटाइम रूटीन बनाना - बच्चे को सोने से पहले आप अच्छे से मसाज दे सकते हो, नहला सकते हो, गोद में झुला सकते हो और गले से लगाकर सुला सकते हो. इससे बच्चे का एक बेडटाइम रूटीन बन जाता है और उसे समय से रोजाना नींद आने लगती है.
इशारे समझें - बच्चे को नींद आने लगेगी तो कुछ क्यूज Cues) देगा, जैसे बच्चे को उबासी आने लगेगी, वो आंखें मसलने लगेगा या फिर अपने कान खींचेगा. इस समय आपको बच्चे को सुलाने के लिए ले जाना है.
सोने से पहले दूध पिलाना - इस फेज में बच्चे का ग्रोथ स्पर्ट बढ़ता है और उसे भूख भी ज्यादा लगती है. इसीलिए बच्चे को इस फेज में ज्यादा दूध पिलाइए और खासतौर से रात में सोने से पहले दूध पिलाकर सुलाइए.
रात को शांति और दिन में एक्टिव माहौल - बच्चे को रात और दिन में फर्क करना सिखाना है. दिन के समय को जितना हो सके उतना एक्टिव रखें और रात के समय को शांत बनाएं. रात में लाइट को धीमा रखना है, बात भी आराम से करनी है और दिन के समय ज्यादा से ज्यादा एक्टिविटीज कराएं. इससे बच्चे को रात के समय ज्यादा नींद आएगी. इससे बच्चे की स्लीप साइकल रेग्यूलेट होती है.
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अस्वीकरण - इस खबर को सामान्य जानकारी के तौर पर लिखा गया है. अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें या चिकित्सक से परामर्श करें. न्यूज24 किसी तरह का दावा नहीं करता है.