साओ पाउलो: चीन ने सीमा समझौतों की अवहेलना की है। दोनों देशों के बीच संबंध बहुत कठिन दौर से गुजर रहे हैं।ब्राजील के साओ पाउलो में एक भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में भाग लेते हुए रविवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह बातें कहीं। जयशंकर ने तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में ब्राजील के साओ पाउलो में भारतीय समुदाय से मुलाकात की। वह आगे अपनी यात्रा में पराग्वे और अर्जेंटीना भी जाएंगे।
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आगे अपने संबोधन में विदेश मंत्री ने कहा 1990 में चीन के साथ समझौता हुआ था। जो सीमा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सैनिकों को लाने पर रोक लगाता है। चीन ने इसकी अवहेलना की है। भारत और चीन के बीच मौजूदा सीमा स्थिति पर बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि संबंध एकतरफा नहीं हो सकते हैं और इसे बनाए रखने के लिए आपसी सम्मान होना चाहिए। "वे हमारे पड़ोसी हैं। निजी जीवन हो या देश हर कोई अपने पड़ोसी के साथ मिलकर रहना चाहता है। लेकिन हर कोई उचित शर्तों पर साथ मिलना चाहता है। मुझे आपका सम्मान करना चाहिए। आपको मेरा सम्मान करना चाहिए।"
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आगे बोलते हुए विदेश मंत्री ने कहा तो हमारे दृष्टिकोण से हम बहुत स्पष्ट हैं कि हमें संबंध बनाना है और पारस्परिक सम्मान होना चाहिए। प्रत्येक के अपने हित होंगे और हमें इस बात के प्रति संवेदनशील होने की आवश्यकता है। जयशंकर ने कहा रिश्ते दोतरफा होते हैं। एक स्थायी रिश्ता एकतरफा नहीं हो सकता। हमें उस आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता की जरूरत है। बता दें फिंगर एरिया, गलवान वैली, हॉट स्प्रिंग्स और कोंगरुंग नाला सहित कई क्षेत्रों में चीनी सेना द्वारा किए गए उल्लंघन को लेकर भारत और चीन अप्रैल-मई 2020 से गतिरोध में लगे हुए हैं। जून 2020 में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के बाद स्थिति और खराब हो गई।
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