यूएन की बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट में चीन पर बड़ा आरोप, ‘मुस्लिम उइगरों पर हो रहे अत्याचार मानवता के खिलाफ अपराध’
uyghar muslims
नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र ने चीन पर उइगरों (Uyghurs Muslim) और अन्य जातीय अल्पसंख्यकों की सामूहिक हिरासत के लिए "अंतर्राष्ट्रीय और विशेष रूप से मानवता के खिलाफ अपराध" का आरोप लगाया है। बता दें कि यूएन ने बुधवार (स्थानीय समय) को एक बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट जारी करते हुए यह बात कही है।
हालांकि इस रिपोर्ट के सामने आने से ठीक पहले तक यूएन में नाटकीय घटनाक्रम चलता रहा। दरअसल, इस रिपोर्ट को जिनेवा में तब जारी किया गया जब अगले कुछ ही मिनट में मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त मिशेल बाचेलेट कार्यालय से निकलने के लिए तैयार हो गए।
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यूएन पर चीन के सामने खड़े होने में झिझकने के आरोप
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक मिशेल बाचेलेट के प्रवक्ता ने पिछले साल दिसंबर में इस रिपोर्ट को कुछ ही सप्ताह के भीतर प्रकाशित करने की घोषणा की थी। लेकिन किन्हीं कारणों के चलते इसे तब पेश नहीं किया गया। इसके बाद अलग-अलग स्पष्टीकरण के साथ इस रिपोर्ट की रिलीज को बार-बार स्थगित किए जाने से राजनयिकों और मानवाधिकारों के पैरोकारों के सामने असमंजस की स्थिति खड़ी कर दी थी। इस दौरान संयुक्त राष्ट्र पर चीन के सामने खड़े होने की अनिच्छुक होने जैसी धारणाओं को भी जमकर हवा मिली।
क्या लिखा है रिपोर्ट में
31 अगस्त को जारी की गई इस रिपोर्ट में लिखा है कि- उइगरों (Uyghurs Muslim) को भेदभावपूर्ण और मनमानी भरी हिरासत में रखने के साथ अन्य मुख्य मुस्लिम समूहों को उन मौलिक अधिकारों से वंचित रखने के संदर्भ में, जो उन्हें कानून और नीति के अनुसार व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से प्राप्त हैं, अंतरराष्ट्रीय और विशेष रूप से मानवता के खिलाफ अपराध हैं।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि बलात्कार सहित यौन और लिंग आधारित हिंसा के आरोप विश्वसनीय प्रतीत होते हैं और अपने आप में यातना या अन्य प्रकार के दुर्व्यवहार के कृत्यों के बराबर हैं।
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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने चीन में मुस्लिम उइगरों की कथित हिरासत और जबरन श्रम के बारे में गंभीर चिंता जताई है, देश में तथ्य-खोज मिशन चलाने के लिए निर्बाध पहुंच का आह्वान किया है और वैश्विक और घरेलू कंपनियों से उनकी आपूर्ति श्रृंखलाओं की बारीकी से जांच करने का आग्रह किया है।
विशेषज्ञों ने उइगर मुसलमानों की दुर्दशा पर चिंता जताई है। और अपनी मुहीम को समर्थन देने के लिए शिनजियांग में निर्मित चीनी उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान किया है। इसके अलावा कई संगठनों ने चीनी उत्पादों के बहिष्कार के साथ-साथ चीन द्वारा आयोजित कार्यक्रमों के राजनयिक बहिष्कार की घोषणा करने के लिए वैश्विक मांग की है। हालांकि इन सभी सबूतों के बावजूद, चीन इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज करता रहा है, और इसे अपने खिलाफ पश्चिमी देशों की साजिश बताता है।
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