Talaq-e-Hasan: राहत देने पर विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट, पति को नोटिस जारी कर जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट: पुरुषों को तलाक (केवल मुस्लिम समुदाय में) का अधिकार देने वाले तलाक-ए-हसन संबंधी याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने दोनों याचिकाकर्ताओं के पतियों को नोटिस जारी किया है। अदालत ने दोनों से इस मामले में अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है। वहीं सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि हम तलाक-ए-हसन की संवैधानिक वैधता पर विचार करने से पहले याचिकाकर्ताओं को निजी तौर पर राहत देने पर विचार करेंगे। मामले की अगली सुनवाई अब 11 अक्टूबर को होगी।
अभी पढ़ें – Hijab Ban Case: सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- सुनवाई नहीं टलेगी, कर्नाटक सरकार इस मामले में स्पष्ट करे अपना रूख
पेश मामले में सुप्रीम कोर्ट दो अलग-अलग पीड़ित महिलाओं की याचिका पर सुनवाई कर रही है। अदालत ने दोनों के पति को मामले में पक्षकार बनाया है। दोनों पीड़ित महिलाओं के पति को नोटिस जारी किया गया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि तलाक-ए-हसन की प्रथा प्रथम दृष्टया अनुचित नहीं है। कोर्ट ने कहा था कि महिलाओं के पास भी इसमें एक विकल्प खुला है। अदालत ने कहा था कि यह तीन तलाक नहीं है। अगर दो लोग एक साथ नहीं रह सकते हैं तो हम विवाह के अपरिवर्तनीय टूटने से भी तलाक दे रहे हैं। कोर्ट ने आगे कहा था कि वह नहीं चाहते कि तलाक-ए-हसन का मुद्दा एजेंडा बने।
अभी पढ़ें – PM मोदी भले आदमी, राहुल गांधी को सफल नेता बनाने का प्रयास किया, पर उनकी रुचि नहीं है: गुलाम नबी आजाद
तलाक-ए-हसन क्या है?
तलाक-ए-हसन वह प्रथा है जिसके द्वारा एक मुस्लिम पुरुष अपनी पत्नी को तलाक दे सकता है। लेकिन इसमें उस शख्स को लगातार तीन महीने तलाक शब्द का इस्तेमाल करना होगा। मसलन जैसे किसी ने अपने पत्नी तो जनवरी में तलाक देने की बात कही और फिर फरवरी में कही और फिर बात न बनने पर अगले महीने मार्च में भी तलाक लेने को कहा तो वह शादी फिर अमान्य हो जाएगी।
अभी पढ़ें – देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें
Click Here – News 24 APP अभी download करें
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.