नई दिल्ली: भारत ने गुरुवार को पाकिस्तान से हिंदुओं, सिखों और ईसाइयों सहित अल्पसंख्यकों के प्रति अपने भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण को रोकने के लिए कहा है। दरअसल, 20 अगस्त की शाम को एक सिख लड़की का जबरन अपहरण कर उसका धर्म परिवर्तित कराने का मामला सामने आया था। विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा "हमने अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और शादी पर मीडिया रिपोर्ट देखी है। यह भी बताया गया कि पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया। जिसके बाद परिवार और सिख समुदाय सदस्यों ने विरोध किया।
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आगे उन्होंने कहा हम हिंदुओं, सिखों और ईसाइयों सहित अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने की कड़ी निंदा करते हैं। भारत सरकार पाकिस्तान सरकार के साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से ऐसे मुद्दों को उठाती रही है और हम पाकिस्तान से अल्पसंख्यकों के प्रति इस भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण को समाप्त करने का आह्वान करते हैं और अपने सभी नागरिकों की सुरक्षा, सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें।"
उन्होंने कहा ये मुद्दे हमें बहुत चिंतित करते हैं। पाकिस्तान में इस स्तर की धार्मिक असहिष्णुता को देखना चौंकाने वाला है। धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति कानून प्रवर्तन एजेंसियों की उदासीनता निश्चित रूप से उस प्रणाली का हिस्सा है। बता दें कि गुरुचरण सिंह की बेटी दीना कौर को बंदूक की नोक पर अगवा कर उसके साथ रेप किया गया और स्थानीय प्रशासन और पुलिस की मदद से उसके अपहरणकर्ता से शादी कर ली गई। इसके बाद इस भेदभाव और जुल्म को देख सैकड़ों सिख और अन्य स्थानीय लोगों ने सड़क पर जाम किया और लड़की को न्याय देने की मांग की।
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