Harda Firecracker Factory Explosion Latest Update :मध्य प्रदेश के हरदा जिले में दर्दनाक हादसा हुआ। पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट से लोगों की रूह कांप गई। धमाके से आसपास के घरों में आग लग गई है। इस हादसे में अबतक 11 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 175 लोग बुरी तरह से घायल हो गए हैं। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
हरदा जिले के बैरागढ़ स्थित पटाखा फैक्ट्री में मंगलवार को सिलसिलेवार धमाका हुआ। विस्फोट का मलबा आसपास के घरों में जा गिरा, जिससे वहां भी आग लग गई। जब यह घटना हुई उस वक्त मजदूर फैक्ट्री के अंदर ही थे। पटाखों के विस्फोट में लोगों के चिथड़े उड़ गए। अस्पताल में भर्ती घायलों में किसी का हाथ कटा तो किसी का पैर। वे विकलांग हो गए।
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हरदा हादसे से कई किलोमीटर तक धरती कांप उठी। लोगों को ऐसा लगा कि भूकंप आया है। पटाखा फैक्ट्री के आसपास मौजूद घरों के लोग भागने लगे। स्थिति यह थी कि फैक्ट्री से दूर खड़े लोगों तक विस्फोट का मलबा पहुंच रहा था। जब रेस्क्यू टीम ने फैक्ट्री से मजदूरों को निकाला तो वे बुरी तरह झुलस हुए थे। कई मजदूरों के अंग कट गए थे।
दिल्ली भागने के फिराक में था पटाखा फैक्ट्री संचालक
पुलिस ने हरदा हादसे के गुनहगारों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 304, 308, 34 और 3 विस्फोटक अधिनियम 1908 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। साथ ही अवैध पटाखा फैक्ट्री के मालिक सोमेश अग्रवाल, बेटे राजेश अग्रवाल और एक अन्य रफीक को गिरफ्तार कर लिया गया है। फैक्ट्री संचालक अपने बेटे के साथ दिल्ली भागने के फिराक में था।
यह भी पढ़ें : हरदा की पटाखा फैक्ट्री का मालिक कौन? प्रशासन की लापरवाही पर उठ रहे सवालहरदा में चलती हैं कई अवैध फैक्ट्रियां
हरदा में पटाखा की कई अवैध फैक्ट्रियां चल रही हैं, लेकिन शासन प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं जा रहा है। विस्फोट के बाद आग और न फैल जाए, इसलिए प्रशासन ने पूरे इलाकों को खाली करा दिया। पीएम नरेंद्र मोदी ने घटना में मरने वालों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये आर्थिक मदद की घोषणा की, जबकि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मृतकों के घरवालों को 4-4 लाख रुपये देने का ऐलान किया।
मंगलवार को छुट्टी के बाद काम कर रहे थे मजदूर
मजदूरों का कहना है कि फैक्ट्री में मंगलवार को छुट्टी के बाद भी कुछ लोग काम करने के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि पहले छोटा धमाका हुआ, जिससे मजदूर फैक्ट्री से भागकर बाहर आ गए। थोड़ी देर बाद मजदूरों ने अंदर जाकर देखा कि क्या हुआ है। फिर जोरदार ब्लास्ट हुआ और एक के बाद एक कई धमाके हुए। इस धमाके से उन्हें निकलने का मौका नहीं मिला और वे अंदर ही फंस गए।