Justice Abdul Nazeer Controversy: देश में रविवार को 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपाल और उपराज्यपाल बदले गए थे। लेकिन इन सब के बीच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अब्दुल नजीर को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाए जाने पर सियासी घमासान शुरू हो गया है। कांग्रेस ने सवालिया निशान उठाते हुए कहा कि न्यायिक व्यवस्था के लोगों को सरकारी पद क्यों दिए जा रहे हैं। वहीं, कानून मंत्री किरन रिजिजू ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि राज्यपाल की नियुक्ति पर एक बार फिर से ईको सिस्टम जोरों पर है।
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भारत संविधान के नियमों से चलता है
कांग्रेस ने कहा कि इस प्रकार का कृत्य न्यायपालिका के लिए खतरा है। साथ ही केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि जो भी पीएम मोदी के लिए काम करता है उसे राज्यपाल बना दिया जाता है। वहीं, कानून मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि यह बेहतर तरीके से समझना चाहिए कि वे अब भारत को अपनी पर्सनल जागीर नहीं समझ सकते। अब भारत संविधान के नियमों के अनुसार चलता है।
राम मंदिर पर दिया था फैसला
बता दें कि जस्टिस नजीर राम मंदिर पर फैसला देने वाली बेंच में शामिल थे। उन्होंने भी मंदिर निर्माण के पक्ष में फैसला दिया था। राम मंदिर पर दिए अपने फैसले के बाद उन्होंने कहा था कि अगर उस फैसले पर अपनी राय रखी होती तो वह अब तक अपने समुदाय के हीरो बन जाते, लेकिन उन्होंने देश के बारे में सोचा। 4 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए हैं। लेकिन केंद्र सरकार ने उन्हें 40 दिन बाद ही गर्वनर बनाकर भेज दिया।
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कांग्रेस सांसद ने ट्वीट कर साधा निशाना
वहीं कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा कि अयोध्या, नोटबंदी जैसे मामलों के पक्ष में फैसला सुनाने वाले रिटायर्ड जस्टिस को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। उन्होंने ट्वीट कर निशाना साधते हुए कहा कि जो मोदी, अडाणी के लिए काम करते हैं, जो सिर्फ मोदी के लिए काम करते हैं, वे अब राज्यपाल हैं।
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