गुवाहाटी: अदालतों में काम का बोझ एक बड़ी समस्या है। ऐसे में इस समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट के आरोप में कई लंबित मामलों सहित एक लाख मामूली मामलों को वापस लेने की घोषणा की है। गुवाहाटी में वह स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लोगों को संबोधित कर रहे थे।
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मुख्यमंत्री सरमा ने कहा इससे न्यायपालिका पर बोझ कम होगा। असम में कुल 4 लाख मामले लंबित हैं। सरमा ने कहा "1 लाख मामलों में कमी से न्यायपालिका को बलात्कार और हत्या जैसे गंभीर अपराधों से संबंधित लंबित मामलों पर विशेष ध्यान देने में मदद मिलेगी।
स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलिस्वतंत्रता दिवसपर उन्होंने देश के हित के लिए बलिदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को भी श्रद्धांजलि दी। लोगों को प्रेरित करने और पिछली पीढ़ियों द्वारा किए गए बलिदानों के बारे में जागरूक करने के प्रयास में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार एक शैक्षिक दौरे के हिस्से के रूप में इस साल अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सेलुलर जेल में 1 हजार युवाओं को भेजेगी। वह बोले "76वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मैं अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने हमारी मातृभूमि के लिए बहुत बलिदान दिया।
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सरमा ने एक अन्य ट्वीट में कहा "हमारे स्वतंत्रता नायकों ने इस महान राष्ट्र की महिमा को वापस लाने और इसके नागरिकों को मुक्त करने के लिए बहुत बड़ा बलिदान दिया। हम हमेशा उनके ऋणी रहेंगे।" 'हर घर तिरंगा' आंदोलन के बारे में बोलते हुए सरमा ने कहा कि राज्य में स्वयं सहायता समूहों ने लगभग 17 करोड़ की कुल लागत के 42 लाख झंडे बेचे हैं।
शनिवार को शुरू हुआ 'हर घर तिरंगा' अभियान आज तक चलेगा। इस कार्यक्रम में हर जगह भारतीयों को अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रेरित करने की परिकल्पना की गई है।
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