अगर किसी देश की सबसे सीक्रेट सैन्य योजना गलती से लीक हो जाए तो क्या होगा? अमेरिका में ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया जब ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने Signal ऐप पर सैन्य रणनीति पर चर्चा की लेकिन गलती से एक पत्रकार को ग्रुप में जोड़ लिया। इस एक छोटी सी गलती ने पूरे अमेरिका में हड़कंप मचा दिया। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इतने संवेदनशील मुद्दों पर खुले आम चर्चा होना सरकार की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। क्या सच में एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्स का इस्तेमाल इतनी गोपनीय बातचीत के लिए सुरक्षित है?
Signal ऐप कैसे बना अमेरिकी सुरक्षा विवाद का कारण
मशहूर एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप Signal अमेरिका में एक बड़े सुरक्षा विवाद के केंद्र में आ गया है। यह मामला तब शुरू हुआ जब पता चला कि ट्रंप प्रशासन के कुछ बड़े अधिकारी सेना से जुड़े ऑपरेशन्स पर चर्चा करने के लिए इस ऐप का इस्तेमाल कर रहे थे। तभी गलती से एक पत्रकार को इस ग्रुप चैट में जोड़ दिया गया जिससे गुप्त सैन्य जानकारी लीक हो गई। यह घटना तब सामने आई जब The Atlantic के एडिटर-इन-चीफ, जेफरी गोल्डबर्ग ने बताया कि उन्हें इस Signal ग्रुप में जोड़ा गया था जहां हूती विद्रोहियों पर हमले की योजना बनाई जा रही थी। इस खुलासे के बाद यह बड़ा सवाल खड़ा हो गया कि क्या सरकारी अधिकारियों को इतनी संवेदनशील बातचीत के लिए एन्क्रिप्टेड ऐप्स का इस्तेमाल करना चाहिए।
Signal is the most secure communication app available today. So let’s talk about the leaked Houthi chat. Signal is the important part of this story.
First ask why are JD Vance and SECDEF using signal instead of the existing communication channels set up and maintained by the… pic.twitter.com/NY5DY3moTR
---विज्ञापन---— Barnabas (@barnabasdotexe) March 25, 2025
Signal ग्रुप चैट में गलती से जुड़ा पत्रकार
गोल्डबर्ग के अनुसार, उन्हें 11 मार्च को ‘Houthi PC Small Group’ नामक Signal चैट ग्रुप में आमंत्रित किया गया था। इस ग्रुप में तत्कालीन अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वांस, रक्षा सचिव पीट हेगसेथ, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वॉल्ट्ज और अन्य 18 अधिकारी शामिल थे। गोल्डबर्ग का दावा है कि इस ग्रुप में अमेरिकी सेना के हवाई हमलों और रणनीतियों पर चर्चा हो रही थी। हालांकि 24 मार्च को रक्षा सचिव हेगसेथ ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इसमें कोई “युद्ध योजनाएं” शेयर नहीं की गई थीं। लेकिन इस घटना के बाद सरकार की बातचीत की सुरक्षा और गोपनीयता पर बड़ी चर्चा शुरू हो गई है।
Signal ऐप की सुरक्षा और संभावित जोखिम
Signal ऐप अपनी मजबूत सुरक्षा के लिए जाना जाता है। इसमें एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन होता है, जिससे केवल भेजने और पाने वाले लोग ही संदेश पढ़ सकते हैं। यह ऐप WhatsApp का बड़ा मुकाबला करने वाला है और इसमें गायब होने वाले मैसेज, सुरक्षित ग्रुप चैट और ऑडियो-वीडियो कॉलिंग जैसी सुविधाएं हैं। लेकिन इस घोटाले से पता चला कि अगर कोई गलती से गलत व्यक्ति को जोड़ ले, तो जरूरी जानकारी लीक हो सकती है। विशेषज्ञों को यह भी चिंता है कि ऐसे ऐप सरकारी नियमों को नजरअंदाज कर सकते हैं, क्योंकि इनसे भेजे गए संदेश सरकारी रिकॉर्ड में नहीं जाते।
सरकारी अधिकारियों के लिए Signal का उपयोग कितना सुरक्षित?
कई सरकारी अधिकारी और नेता निजी बातचीत के लिए Signal जैसे सुरक्षित ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इस घटना के बाद सरकारी कामकाज में ऐसे ऐप्स के इस्तेमाल पर सवाल उठने लगे हैं। अब अमेरिकी सरकार Signal और इसी तरह के अन्य ऐप्स के उपयोग की जांच करने की योजना बना रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि जरूरी बातें करने के लिए ऐसे सुरक्षित और सरकार द्वारा मंजूर किए गए तरीके इस्तेमाल करने चाहिए, जिससे देश की सुरक्षा खतरे में न पड़े।