Google Willow New Quantum Computing Chip: गूगल ने अपनी एडवांस्ड नेक्स्ट GEN क्वांटम कंप्यूटिंग चिप ‘विलो’ को पेश कर दिया है। यह चिप कैलिफोर्निया के सांता बारबरा स्थित कंपनी की क्वांटम लैब में तैयार की गई है। इसकी पावर का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि ये केवल 5 मिनट में बड़े से बड़ा काम निपटा सकता है, जिन्हें हल करने में सुपरकंप्यूटर को कई सालों का टाइम लग सकता है।
गूगल विलो क्या है?
आसान शब्दों में कहें तो विलो गूगल की एक नई क्वाटंम चिप है। इसे ‘सुपरब्रेन’ भी कहा जा सकता है।
सीईओ ने कही ये बात
गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई ने एक्स पर इस सफलता की जानकारी दी है। सीईओ ने X पर पोस्ट करते हुए कहा कि “विलो, हमारी नई क्वांटम कंप्यूटिंग चिप, एक बड़ी सफलता है। इस चिप का इस्तेमाल करके एरर को तेजी से सॉल्व किया जा सकता है, ये क्वांटम फिल्ड की 30 साल की एक बड़ी प्रॉब्लम को सॉल्व करता है।”
Introducing Willow, our new state-of-the-art quantum computing chip with a breakthrough that can reduce errors exponentially as we scale up using more qubits, cracking a 30-year challenge in the field. In benchmark tests, Willow solved a standard computation in <5 mins that would…
---विज्ञापन---— Sundar Pichai (@sundarpichai) December 9, 2024
ये भी पढ़ें : Year Ender 2024: UPI के इन 5 बदलावों ने यूजर्स की कर दी मौज! जानें कैसे लेनदेन हुआ आसान
चिप है इतनी पावरफुल
गूगल की ‘विलो’ चिप केवल 4 वर्ग सेंटीमीटर की है, लेकिन इसमें पावर काफी ज्यादा हैं। यह चिप पांच मिनट में ऐसे काम कर सकती है, जिनके लिए सबसे फास्ट सुपरकंप्यूटर को 10 सेप्टिलियन यानी 10,000,000,000,000,000,000,000,000 साल लगेंगे। टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स ने इसे “दिमाग हिला देने वाली” खोज बताया है।
तकनीकी दुनिया में नया मील का पत्थर
गूगल क्वांटम AI के चीफ हार्टमुट नेवेन ने रॉयटर्स को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि “हम ब्रेक-ईवन पॉइंट से आगे बढ़ चुके हैं। हमारी टीम काफी तेजी से काम कर रही है, ताकि हर नए विचार को तुरंत क्रायोस्टेट में अप्लाई किया जा सके और सीखने के प्रोसेस को तेज किया जा सके।” इस नई ‘विलो’ चिप के साथ गूगल ने क्वांटम कंप्यूटिंग के एरिया में एक बड़ा कदम उठाया है, जो टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक नई क्रांति ला सकता है।