Google Opal AI App Builder: Google ने अपने AI-पावर्ड ऐप बिल्डर Opal को अब भारत समेत 15 और देशों में लॉन्च किया है. इस टूल की मदद से कोई भी व्यक्ति सरल टेक्स्ट प्रॉम्प्ट्स के जरिए मिनी वेब ऐप्स बना सकता है. पहले यह टूल सिर्फ अमेरिका में उपलब्ध था, लेकिन यूजर्स की बढ़ती डिमांड के बाद अब यह कनाडा, भारत, जापान, साउथ कोरिया, वियतनाम, इंडोनेशिया, ब्राजील, सिंगापुर, कोलंबिया, एल साल्वाडोर, कोस्टा रिका, पनामां, होंडुरास, अर्जेंटीना और पाकिस्तान में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा.
Opal क्या है और कैसे काम करता है
Opal का उपयोग करना बेहद आसान है. यूजर बस यह बताता है कि वह किस तरह का ऐप बनाना चाहता है और Google का AI मॉडल से ऐप जेनरेट कर देता है. इसके बाद यूजर ऐप को विजुअल एडिटर में देख सकता है और अपनी जरूरत के हिसाब से बदलाव कर सकता है. कोई कोड लिखने की जरूरत नहीं होती. ऐप तैयार होने के बाद इसे वेब पर पब्लिश किया जा सकता है और Google अकाउंट लिंक के जरिए शेयर किया जा सकता है.
---विज्ञापन---
नए फीचर्स और डिबगिंग अपग्रेड्स
Google ने Opal के डिबगिंग और परफॉर्मेंस फीचर्स में भी सुधार किया है. अब यूजर प्रत्येक स्टेप को एडिटर में सीधे टेस्ट कर सकता है. कोई एरर आए तो वह रियल टाइम में दिखती है, जिससे तुरंत सुधार करना आसान हो जाता है. यह सुधार यूजर्स को बिना कोडिंग के ऐप बनाने की पूरी आजादी देता है.
---विज्ञापन---
परफॉर्मेंस और स्पीड में सुधार
Opal के नए अपडेट्स के साथ ऐप बनाना अब पहले से काफी तेज और स्मूद हो गया है. Google ने सिस्टम में बदलाव कर प्रोजेक्ट सेटअप टाइम को लगभग इंस्टेंट कर दिया है. साथ ही, Opal अब पैरालल वर्कफ्लो सपोर्ट करता है, जिससे कई स्टेप्स एक साथ रन कर सकते हैं. इसका मतलब यूजर अब जटिल ऐप्स भी बिना समय गंवाए बना सकते हैं.
कोडिंग के बिना ऐप क्रिएशन का अनुभव
Opal Canva, Figma और Replit जैसे टूल्स से मिलती-जुलती सुविधा देता है. यूज़र ऐप का आइडिया टेक्स्ट में लिखता है और AI उस परफेक्ट प्रोटोटाइप बना देता है. इसके विजुअल एडिटर में यूजर वर्कफ्लो को बदल सकता है, नए स्टेप जोड़ सकता है, और एरर को तुरंत सुधार सकता है. यह प्रक्रिया पूरी तरह नो-कोड है, जिससे टेक्निकल नॉलेज के बिना भी कोई ऐप बना सकता है.
ग्लोबल एक्सपांशन और भविष्य की संभावना
Google का कहना है कि Opal के शुरुआती यूजर्स ने बहुत क्रिएटिव और प्रैक्टिकल ऐप्स बनाए, जिससे स्पष्ट हुआ कि इसे और ज्यादा देशों में लॉन्च करना जरूरी है. भारत समेत 15 नए देशों में Opal के आने से नॉन-टेक यूजर्स भी आसानी से ऐप बना पाएंगे, और यह AI-क्रिएशन की दुनिया में नया क्रांति लेकर आएगा.
WhatsApp से भी कमा सकते हैं पैसा, ऐसा करने से होगी तगड़ी इनकम, यहा देखें टिप्स