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खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान ने क्यों छोड़ा था बांग्लादेश, 17 साल से क्या कर रहे थे लंदन में

तारिक रहमान ने सितंबर 2008 में बांग्लादेश छोड़ दिया था. 2008 से 2025 तक वह लंदन में स्व-निर्वासित निर्वासन में रहे.

तारिक रहमान अपनी बीवी और बेटी के साथ बांग्लादेश लौटे हैं.

बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के सबसे बड़े बेटे हैं तारिक रहमान. वह 17 साल से बांग्लादेश छोड़कर लंदन में रह रहे थे. लेकिन फरवरी में होने वाले चुनाव से पहले वह अपने वतन लौटे हैं. उनकी पत्नी जुबैदा रहमान और बेटी जायमा रहमान भी उनके साथ बांग्लादेश आई हैं. उनकी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यकर्ताओं में इसको लेकर जश्न का माहौल है. रिपोर्ट्स के मुताबिक लाखों की संख्या में ढाका में उनकी पार्टी के कार्यकर्ता उनके स्वागत के लिए इकट्ठा हुए हैं.

उनकी बेटी जायमा रहमान ने अपने फेसबुक अकाउंट पर विमान के अंदर की तस्वीरें शेयर की हैं. इन तस्वीरों में उनके पिता और मां उनके पास बैठे दिख रहे हैं.

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तारिक रहमान की मां जिया खालिदा बांग्लादेश में ही रहती हैं. लेकिन उनकी तबीयत पिछले कुछ महीनों से गंभीर रूप से खराब चल रही है. उनकी बांग्लादेश वापसी के पीछे कुछ लोग इसे भी एक वजह मान रहे हैं.

क्या लगे थे आरोप

तारिक रहमान पर उनके देश में मनी लॉन्ड्रिंग और शेख हसीना की हत्या की साजिश समेत कई आरोप लगे थे. इनमें उन्हें दोषी भी ठहराया गया था. लेकिन शेख हसीना की सरकार के तख्ता पलट के बाद उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया गया. 2008 में उन्हें बांग्लादेश में गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद वहां की अंतरिम सरकार ने उन्हें रिहा कर दिया. फिर वह इलाज के लिए ब्रिटेन चले गए, तब से वहीं रह रहे थे.

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17 साल से लंदन में क्या कर रहे थे?

तारिक रहमान ने सितंबर 2008 में बांग्लादेश छोड़ दिया था. 2008 से 2025 तक वह लंदन में स्व-निर्वासित निर्वासन में रहे. दिसंबर 2009 में ढाका में बीएनपी की 5वीं राष्ट्रीय परिषद की बैठक आयोजित की गई. इसमें उन्हें वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया. इसके बाद वह लंदन में रहते हुए ही पार्टी संभाल रहे थे.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2015 में, उन्होंने 'व्हाइट एंड ब्लू कंसल्टेंट्स लिमिटेड' के नाम से एक प्राइवेट पीआर और कम्युनिकेशन फर्म रजिस्टर करवाई. फर्म रजिस्ट्रेशन के वक्त जो कागजात उन्होंने ब्रिटिश प्रशासन को दिए थे, उनमें उन्होंने खुद को 'ब्रिटिश नागरिक' बताया था. हालांकि, फिर 2016 में उन्होंने कागजों में सुधार करवाया और अपनी राष्ट्रीयता 'बांग्लादेशी' करवाई.

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चुनाव से पहले वतन वापसी के मायने

साल 2024 में हसीना सरकार के पतन के बाद, उनके खिलाफ सारे मामले हटा दिए गए. इसके बाद उन्होंने बांग्लादेश लौटने का फैसला किया. इसके साथ ही उन्होंने मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार का भी समर्थन करने का वादा किया. लंदन से उनकी वापसी ऐसे समय में हो रही है, जब उनकी पार्टी बीएनपी अभी मजबूत स्थिति में हैं. पिछले साल एक छात्र-नेतृत्व वाले विद्रोह ने उनकी कट्टर प्रतिद्वंद्वी और लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना की सरकार का तख्ता पलट कर दिया था. 1991 के बाद से ज्यादातर खालिदा जिया और शेख हसीना बारी-बारी से सत्ता में रही हैं.

अभी बांग्लादेश को नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार चला रही है. करीब दो साल बाद की उथल-पुथल के बाद राजनीतिक स्थिरता बहाल करने के लिए बांग्लादेश में चुनाव कराने का ऐलान किया गया. चुनाव अगले साल फरवरी महीने में हैं.

60 वर्षीय तारिक रहमान अभी बीएनपी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, चुनाव में तारिक रहमान की पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर सकती है. अमेरिका स्थित इंटरनेशनल रिपब्लिकन इंस्टीट्यूट ने एक सर्वे किया है. इस सर्वे में दावा किया गया है कि बीएनसी को सबसे ज्यादा सीटें मिल सकती हैं. चुनाव की इस दौड़ में इस्लामवादी जमात-ए-इस्लामी पार्टी भी शामिल है. वहीं शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी को चुनाव लड़ने से रोक दिया गया है.


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