Why Mumbai Temperature Is Increasing In This Winter : देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई में बीते शुक्रवार को अधिकतम तापमान 35.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। यह जनवरी महीने में पिछले सात साल में सबसे अधिक तापमान था। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार साल 2017 में जनवरी के दौरान सबसे अधिक तापमान 36 डिग्री सेल्सियस उप शहरी सांताक्रूज ऑब्जर्वेटरी में दर्ज किया गया था।
अगर पिछले 10 साल के आंकड़े को देखें तो शुक्रवार का तापमान साल 2006 की जनवरी से कुछ खास कम नहीं था जब तापमान 37.3 डिग्री सेल्सियस रहा था। आईएमडी के अनुसार इस समय शहर में दक्षिण पूर्वी हवाओं का प्रवाह बढ़ा है। ये नम होती हैं, जिसकी वजह से पिछले एक सप्ताह में यहां पारा बढ़ा है। आम तौर पर सर्दियों को सूखी, उत्तरी हवाओं से जोड़ा जाता है। इस बार जनवरी में नम दक्षिण पूर्वी हवाएं चल रही हैं जिसके चलते गर्मी भी बढ़ी है।
वेस्टर्न डिस्टर्बेंस नहीं होने से समस्या
विशेषज्ञों का कहना है कि जब ये दक्षिण पूर्वी हवाओं की रफ्तार कम होगी तब शहर को ठंडी उत्तरी हवाएं राहत देंगी। उत्तरी हवाएं चलने के बाद गर्मी में कमी आएगी। इसके अलावा शहर के तापमान में बढ़ोतरी के पीछे वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के न होने को भी एक अहम कारण माना जा रहा है। इसकी वजह से ही देश के उत्तरी राज्यों में बर्फबारी होती है। साथ ही अल नीनो इफेक्ट को भी इसके पीछे की वजह बताया जा रहा है, जिसका अनुभव देश फिलहाल कर रहा है।
अल नीनो और अरब सागर भी कारण
एक्सपर्ट्स के अनुसार जब अल नीनो की स्थिति बनती है तो सर्दियां गर्म जबकि गर्मियों का मौसम बेहद गर्म रहता है। वहीं, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि गर्म होता उत्तरी अरब सागर भी एक अहम कारण है जिसकी वजह से मुंबई समेत उत्तर-पश्चिमी भारत के इलाकों में तापमान तेजी से बढ़ रहा है। इसकी वजह से समुद्र से जमीन की ओर गर्म हवाएं बह रही हैं। ये हवाएं तापमान को प्रभावित करने के साथ-साथ यह मानसून के पैटर्न में भी बदलाव ला रही है।