Vladimir Putin grand welcome video in UAE: रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन यूएई की यात्रा पर हैं। पुतिन का विमान अबू धाबी में उतरने के बाद उनका जैसा स्वागत किया गया वैसा शायद ही किसी नेता का किसी देश में होता है। पुतिन खाड़ी के दो देशों संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और सऊदी अरब की यात्रा पर हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद वे अपने देश से बाहर बहुत ही कम निकलते हैं। उन्हें इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने युद्ध अपराधी घोषित किया है। यहां तक की भारत में आयोजित जी20 मीटिंग में भी वे शामिल नहीं हुए।
आबू धाबी पहुंचने पर पुतिन का भव्य स्वागत किया गया। बता दें कि यूएई और रूस दोनों तेल के बड़े उत्पादक देश हैं। पुतिन का शाही स्वागत देखकर पूरी दुनिया हैरान रह गई। उनके स्वागत के दौरान वहां की सड़कों पर बड़ी संख्या में रूसी झंडे लगाए गए थे। रास्तों पर घोड़ों और ऊंटों की कतार थी। अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान और पुतिन को 21 तोपों की सलामी दी गई। आसमान में भी दोनों देशों के झंडे दिखाई गई।
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पुतिन के ऐसे स्वागत से सबसे ज्यादा परेशानी अमेरिका को है। माना जाता है कि सऊदी अरब और यूएई का झुकाव अमेरिका की तरफ है। अमेरिका और रूस के बीच दुश्मनी पुरानी है। अमेरिकियों को पुतिन का ऐसा स्वागत देखकर बड़ा झटका लगा है। पुतिन का जैसा स्वागत हुआ वैसा सऊदी अरब या यूएई में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन का भी नहीं हुआ होगा।
अमेरिका को साफ संदेश
अमेरिका की शुरू से ही कोशिश रही है कि तेल के दो सबसे बड़े खिलाड़ी सऊदी अरब और यूएई रूस से दूरी बनाकर रहें, लेकिन इन दोनों ने अब साफ संदेश दे दिया है कि वे अमेरिका के दबाव में रूस से अपने संबंध खराब नहीं करेंगे। अमेरिका रूस को पूरी दुनिया से अलग-थलग करने के प्रयास में लगा है। ऐसे में पुतिन का आबू धाबी में ऐसा स्वागत अमेरिका को एक बड़ा संदेश माना जा रहा है। साफ संदेश है हर जगह अमेरिका के कहने पर निर्णय नहीं लिए जाएंगे।
इजराइल हमास युद्ध का एगंल
सऊदी अरब और यूएई ने हाल ही में ब्रिक्स भी ज्वाइन किया है। ये एक जनवरी 2023 से ब्रिक्स के आधिकारिक तौर पर सदस्य हो जाएंगे। मुस्लिम देशों में पुतिन को इतना सम्मान मिलना हमास और इजराइल युद्ध के एंगल से भी देखा जा रहा है। माना जाता है कि रूस हमास का समर्थन करता है। ऐसे में मुस्लिम देश रूस के साथ एकजुटता दिखाने हैं। रूस भी काफी हद तक उनका समर्थन करता है। गाजा पर इजराइली हमले को लेकर मुस्लिम देश काफी चिंतित हैं। अमेरिका इजराइल का सीधे तौर पर समर्थन करता है।
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