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पुतिन के सामने इशारों-इशारों में पाकिस्तान और पश्चिम को क्या मैसेज दे गए पीएम मोदी?

द्विपक्षीय बातचीत के बाद पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने साझा बयान जारी किया. इसमें पीएम मोदी ने आतंकवाद और यूक्रेन युद्ध का भी जिक्र किया.

रूस के राष्ट्रपति पुतिन दो दिन के भारत दौरे पर आए हैं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पीएम मोदी ने शुक्रवार को द्विपक्षीय बातचीत की. इस दौरान पीएम मोदी और पुतिन ने दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करने पर जोर दिया. द्विपक्षीय बातचीत के बाद दोनों नेताओं ने साझा बयान जारी किया. उन्होंने इस दौरान आतंकवाद और यूक्रेन युद्ध को लेकर भी बात की. पीएम मोदी ने आतंकवाद को मानवता के खिलाफ बताया है. साथ ही उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है.

वहीं, यूक्रेन युद्ध को लेकर कहा कि हम शांतिपूर्ण और स्थाई समाधान का स्वागत करते हैं और इसके लिए भारत अपना योगदान देने के तैयार है. पीएम मोदी के बयान को देखा जाए तो इसमें पाकिस्तान और पश्चिम देशों के लिए मैसेज छुपा है.

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आतंकवाद पर क्या बोले पीएम मोदी?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साझा बयान जारी करते हुए आतंकवाद पर कहा कि, "आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और रूस ने लंबे समय से कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया है. पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हो या क्रोकस सिटी हॉल पर किया गया कायरतापूर्ण आघात - इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है. भारत का अटल विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है और इसके विरुद्ध वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है. मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी मित्रता हमें ग्लोबल चैलेंज का सामना करने की शक्ति देगी - और यही भरोसा हमारे साझा भविष्य को और समृद्ध करेगा."

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इसमें पाकिस्तान के लिए क्या मैसेज?

पीएम मोदी ने पाकिस्तान का सीधे-सीधे नाम नहीं लिया. लेकिन उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र किया. इस हमले के पीछे पाकिस्तान ही था. ऐसे में देखा जा सकता है कि पीएम मोदी का इशारा अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान की ओर ही था. पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकता का भी जिक्र किया. भारत, मौके-मौके पर पाकिस्तान को अलग-थलग करता रहा है. भारत आतंकवाद के खिलाफ हमेशा दुनिया को लामबंद करने की कोशिश करता रहता है. पीएम मोदी का सीधा-सीधा संकेत था कि आतंकवाद के मामले पर किसी को नहीं बख्शा जाएगा. भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को घेरता रहा है.

यूक्रेन युद्ध पर क्या बोले?

शुक्रवार को साझा बयान में पीएम मोदी ने यूक्रेन युद्ध पर के बारे में कहा, "यूक्रेन के संबंध में भारत ने शुरुआत से शांति का पक्ष रखा है. हम इस विषय के शांतिपूर्ण और स्थाई समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं. भारत सदैव अपना योगदान देने के लिए तैयार रहा है और आगे भी रहेगा."

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पश्चिम देशों के लिए क्या मैसेज?

रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमला किया था. तब से दोनों देशों के बीच जंग जारी है. इस युद्ध को लेकर भारत ने हमेशा शांतिपूर्ण समाधान की वकालत की है. यूक्रेन-रूस युद्ध को लेकर यूरोप-अमेरिका एक तरफ हैं तो दूसरी तरफ रूस हैं. पश्चिमी देश चाहते थे कि भारत यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस की खुलकर निंदा करे. यूरोप और अमेरिका ने भारत पर भी अपने पाले में आने का दबाव बनाया था. लेकिन भारत अपनी विदेश नीति का पालने करते हुए किसी भी पाले में नहीं गया. भारत हमेशा की तरह निष्पक्ष रहा. यूएन में भी रूस के खिलाफ वोटिंग से भारत हमेशा दूर रहा.

पश्चिमी देश रूस के खिलाफ पूरी दुनिया को लामबंद करना चाहते हैं. लेकिन पुतिन का भारत दौरा रूस-भारत के बीच मजबूत होते संबंध का मैसेज देता है. ऐसे में यूरोप के लिए पुतिन के इस दौरे को कूटनीतिक झटके के रूप में देखा जा सकता है. पूरी दुनिया को पुतिन के खिलाफ लामबंद करने की पश्चिमी देशों की रणनीति को भी झटका पहुंचा है.


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