Explainer: भाजपा के लिए महज कुछ द्वीपों का समूह नहीं है लक्षद्वीप; क्या हैं पीएम मोदी की यात्रा के मायने?
PM Narendra Modi in Lakshadweep
Why Lakshadweep is important for Narendra Modi Government : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप पहुंचे थे। यहां उन्होंने इस प्रदेश से जुड़े विभिन्न पक्षों को लेकर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की थी। वहीं, बुधवार को उन्होंने 1150 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी थी।
32 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाला लक्षद्वीप 36 छोटे-छोटे द्वीपों का समूह है। यह भाजपा के ग्रांड इंडिया प्रोजेक्ट का एक छोटा सा हिस्सा लगता लगता है। लेकिन एक राष्ट्रीय नेता के तौर पर नरेंद्र मोदी के नजरिए से भाजपा के 'सबका साथ सबका विकास' के मैसेज को मजबूत करने के लिए यह एक अहम प्वाइंट है।
भाजपा नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री की यात्रा, विकास परियोजनाओं का उनका ऐलान और लक्षद्वीप में पार्टी की बढ़ती गतिविधियां सब उस अहमियत का हिस्सा हैं जो मोदी सरकार रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों को देती है। लक्षद्वीप इसलिए अहम हो गया है क्योंकि इसके पड़ोसी श्रीलंका और मालदीव में चीन की गतिविधियां बढ़ी हैं।
पिछली सरकारों से की अपनी तुलना
लक्षद्वीप की राजधानी कवरत्ती में परियोजनाओं की घोषणा करते समय मोदी ने अपनी सरकार की तुलना पिछली सरकारों से भी साफ-साफ शब्दों में की। उन्होंने कहा कि देश को आजादी मिलने के बाद से केंद्र में रही सरकारों की प्राथमिकता दशकों तक केवल अपनी पार्टी का फायदा रही है। दूरदराज के राज्यों, सीमाई इलाकों और समुद्र में मौजूद राज्यों पर उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया।
मोदी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में हमारी सरकार ने सीमाई इलाकों और समुद्री राज्यों को अपनी प्राथमिकता बनाया है। 2020 में मैंने गारंटी दी थी कि आपको अगले 1000 दिन के अंदर तेज इंटरनेट कनेक्टिविटी मिल जाएगी। आज कोच्चि-लक्षद्वीप सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर प्रोजेक्ट का उद्घाटन हो गया है। अब यहां इंटरनेट की स्पीड 100 गुना तेज होगी।
लक्षद्वीप का केरल कनेक्शन भी अहम
भाजपा केरल में चुनावी मैदान में खास सफलता हासिल करने में अब तक असफल रही है। लेकिन पार्टी इस राज्य को अपना गढ़ बनाने की कोशिशें लगातार करती रही है। इस राज्य में राजनीतिक एंट्री करने में लक्षद्वीप भाजपा के लिए महत्वपूर्ण गेटवे साबित हो सकता है।
केरल मेनलैंड इस केंद्र शासित प्रदेश से सबसे नजदीक है और लक्षद्वीप अपनी कई जरूरतों के लिए इस राज्य पर निर्भर रहता है। दोनों राज्यों के लोग करीबी सामाजिक और सांस्कृतिक संबंध साझा करते हैं। लक्षद्वीप में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा भी मलयालम है।
एयर फोर्स स्टेशन बनाने का भी प्लान
लक्षद्वीप की कूटनीतिक अहमियत को देखते हुए भाजपा सरकार यहां एक एयर फोर्स स्टेशन स्थापित करने के बारे में भी विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार मालदीव की चीन से नजदीकी बढ़ती जा रही है। ऐसे में रक्षा उद्देश्य से यहां एक एयरपोर्ट बनाने पर भी विचार किया जा रहा है। इस एयरपोर्ट का इस्तेमाल आम नागरिक भी कर पाएंगे।
सूत्रों का कहना है कि मोदी की लक्षद्वीप यात्रा को केवल राजनीतिक नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। उनके पास वर्चुअल माध्यम से भी यहां परियोजनाओं का उद्घाटन करने का विकल्प था। लेकिन उन्होंने कवरत्ती जाने का फैसला इसलिए किया क्योंकि वह मानते हैं कि वहां के लोगों को भारत की विकास यात्रा में शामिल करना जरूरी है।
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