टेक कंपनी गूगल और कनाडा को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। दोनों के बीच बड़ी डील हुई है। गूगल अब कनाडा के पब्लिशर्स के साथ रेवेन्यू शेयर करेगा। गूगल कनाडा को न्यूज के लिए हर साल 100 मिलियन कनाडाई डॉलर यानी 612 करोड़ रुपये देगा। कनाडा की सरकार ने 170 मिलियन कनाडाई डॉलर की मांग की थी। गूगल अलग-अलग प्लैटफॉर्म के कंटेंड यूजर्स को दिखाता है। इसके लिए कई देशों को वह पेमेंट भी करता है। टेक कंपनी कनाडा के पब्लिशर्स को भुगतान करने पर समहत हो गई है। इससे मीडिया आउटलेट्स का कंटेंट गूगल सर्च रिजल्ट में बना रहेगा।
इससे पहले कनाडा सरकार ने यह मांग की थी कि गूगल न्यूज कंटेंट के बदले पब्लिशर्स और ऑर्गेनाइजेशन्स को भुगतान करे। समाचार एजेंसी एएफपी ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के हवाले से कहा, "यह समझौता दुनिया भर के उन देशों और लोकतंत्रों में गूंजने वाला है जो उन्हीं चुनौतियों से जूझ रहे हैं, जिनका कनाडा में हमारा मीडिया परिदृश्य सामना कर रहा है।"
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आउटलेट्स का तर्क था कि Google, मेटा और अन्य कंपनियां उनके द्वारा उत्पादित सामग्री से पैसा कमा रही हैं, इसलिए इसका एक हिस्सा मीडिया संस्थानों को भी वापस मिलना चाहिए। कनाडा में उठी मांग के बाद टेक कंपनियों ने विरोध किया था। मेटा ने न्यूज कंटेंट ब्लॉक कर दिया था ताकि भुगतान न करना पड़े।
क्या है कनाडा और भारत के बीच का विवादकनाडा के मंत्री ने क्या कहा
वहीं कनाडा के मंत्री ने इस डील पर खुशी जताई है। उनका कहना है कि हमने गूगल के साथ आगे बढ़ने का रास्ता खोज लिया है। कनाडा के हेरिटेज मिनिस्टर पास्केल सेंट-ओंज ने इसे पत्रकारिता के लिए अच्छी खबर बताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा "यह पत्रकारिता, गूगल और कनाडाई लोगों के लिए अच्छी खबर है। हमने दिखाया है कि एक व्यावहारिक, न्यायसंगत और इंडिपेंडेंट न्यूज इको सिस्टम बनाना संभव है।" मंत्री ने गूगल के साथ हुई डील को ऐतिहासिक बताया है।
क्या किया जाएगा इस पैसे का
कनाडा में ऑनलाइन कंटेंट से जुड़ा एक कानून बनने वाला है। यह डील ऐसे समय में की गई है। दिसंबर में यहां ऑनलाइन समाचार अधिनियम लागू होने वाला है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि प्लेटफॉर्म समाचार व्यवसायों को उनकी सामग्री उपलब्ध कराने पर मुआवजा देना है। वहीं इस पैसे को न्यूज आउटलेट्स में काम करने वाले कर्मचारियों में बांटा जाएगा।
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