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‘उन सबका इतना बुरा हाल हो…’, Dipika Kakar ने किसके लिए मांगी बद्दुआ? व्लॉग में छलका दर्द

एक्ट्रेस दीपिका कक्कड़ ने अपने व्लॉग में इस्लाम धर्म को लेकर बात की है। साथ ही एक्ट्रेस का कुछ लोगों पर गुस्सा फूटा है और उन्होंने उनके लिए सजा की दुआ मांगी है।

Dipika kakar File Photo
पॉपुलर टीवी एक्ट्रेस दीपिका कक्कड़ आए दिन ट्रोलिंग का शिकार हो जाती हैं। हाल ही में दीपिका कक्कड़ और शोएब इब्राहिम अपने एक पोस्ट के चलते लोगों के गुस्से का शिकार हुए थे। पहलगाम आतंकी हमले के बाद अपने व्लॉग को प्रमोट करने के चक्कर में इन दोनों पर देश का गुस्सा फूट पड़ा था। वहीं, अब दीपिका ने पहलगाम आतंकी हमले पर चुप्पी तोड़ी है। अपने एक व्लॉग में दीपिका ने खुलकर इस मामले पर बात की और इस्लाम को लेकर काफी कुछ कहा।

दीपिका को नहीं पता था कितना सीरियस था पहलगाम आतंकी हमला

दीपिका ने अपने व्लॉग में ट्रिप की बात करते हुए कहा कि 2 -3 दिन वो कुछ सोचने-समझने की क्षमता में नहीं थीं। एक्ट्रेस ने रिवील किया कि जिन दिन वो दिल्ली पहुंचीं उसके बाद धीरे-धीरे उन्हें पता चला कि पहलगाम में अटैक हुआ है। हालांकि, उन्हें ऐसा लगा कि कुछ छोटा-मोटा हुआ होगा। बाद में उन्हें पता चला कि मामला कितना सीरियस है। इस हमले को दीपिका ने दर्दनाक और भयानक बताया है और कहा कि वो इससे पूरी तरह से हिल गई हैं।

आतंवादियों के बुरे हाल की मांगी दुआ

दीपिका कक्कड़ ने कहा कि वो जितनी बार उन महिलाओं और बच्चों के वीडियोज देखती हैं और महसूस करती हैं कि उन्होंने अपनों को खोया है, तो ये बेहद भयानक लगता है। उन महिलाओं पर क्या बीत रही होगी, जिन्होंने अपने पति को खोया है? उन बच्चों का क्या हो रहा होगा, जिन्होंने पिता को खोया है? ये कभी कोई और महसूस नहीं कर सकता। दीपिका ने व्लॉग में आगे कहा, 'मैं दिल से दुआ करती हूं कि जिस किसी ने भी ये किया है, जिन 4 लोगों के स्केच सामने आए थे वो और इसके पीछे जो भी लोग हैं, उन सबका इतना बुरा हाल हो और सबके सामने हो। जैसे आज ये सारे परिवार तड़प रहे हैं, वैसे ही वो तड़पें और हर एक दर्द वो महसूस करें।' यह भी पढ़ें: पाकिस्तानी एक्ट्रेस Hania Aamir को Preity Zinta से मिला जवाब, X पर किया था सवाल

आतंवादियों के धर्म पर क्या बोलीं दीपिका कक्कड़?

दीपिका ने धर्म को लेकर बात करते हुए कहा, 'जितना मैं इस्लाम को समझी हूं, मैं ये पूरे यकीन के साथ कह सकती हूं कि कोई ईमान वाला इंसान ये काम नहीं कर सकता। किसी बेगुनाह को मजहब के नाम पर मार देना, ये इस्लाम नहीं सिखाता। आप भी धर्म देखो, जानो, समझो या पवित्र किताब उठा लो किसी में भी ये नहीं लिखा कि दूसरे धर्म के लोगों को मारो। सभी धर्म यही सिखाते हैं कि प्यार से एक साथ रहो, दूसरों की इज्जत करो और जो ये नहीं करता फिर वो चाहे किसी भी धर्म का हो... जो मासूम लोगों की जान लेता है उसका कोई धर्म नहीं होता। वो इंसान गलत है। वो सिर्फ एक आतंकवादी है। आतंकवादी को कोई ईमान, धर्म नहीं होता। मैं पूरे दिल से यही दुआ करूंगी कि जिसने ये किया है, उस गुनेहगार को कड़ी से कड़ी सजा मिले।'


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