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Bhumi Pednekar: हीलिंग हिमालय की ‘गुडविल एम्बेसडर’ बनने जा रही भूमि पेडनेकर, पर्यावरण की रक्षा करना है लक्ष्य

Bhumi Pednekar: क्लाइमेट वारियर और यूथ आइकन भूमि पेडनेकर हिमालय पर सफाई के लिए एक बड़े मिशन के लिए तैयारी कर रही हैं। भूमि एक नॉन-प्रॉफिट संस्था हीलिंग हिमालयाज के साथ जुड़ी हैं, जो हिमालय पर्वत श्रृंखला में पारिस्थितिकी संरक्षण की दिशा में बहुत व्यापक और अनुकरणीय कार्य कर रही है। भूमि, संयुक्त राष्ट्र विकास […]

Bhumi Pednekar
Bhumi Pednekar: क्लाइमेट वारियर और यूथ आइकन भूमि पेडनेकर हिमालय पर सफाई के लिए एक बड़े मिशन के लिए तैयारी कर रही हैं। भूमि एक नॉन-प्रॉफिट संस्था हीलिंग हिमालयाज के साथ जुड़ी हैं, जो हिमालय पर्वत श्रृंखला में पारिस्थितिकी संरक्षण की दिशा में बहुत व्यापक और अनुकरणीय कार्य कर रही है। भूमि, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की एम्बेसडर हैं और अब वे हीलिंग हिमालय की गुडविल एम्बेसडर भी बनने जा रही हैं।

स्वच्छता अभियानों में लेना होगा भाग

हीलिंग हिमालयाज के साथ काम करने के दौरान भूमि को इन पर्वतीय क्षेत्रों की यात्रा करना होगी और हिमालय को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से किये जाने वाले स्वच्छता अभियानों में भाग लेना होगा। हीलिंग हिमालयाज फाउंडेशन संस्था सात साल से कार्यरत है और इसका गठन कचरे की समस्या को एक अनोखे तरीके से हल करने के लिए किया गया है। वह हिमालय के प्राकृतिक वातावरण को बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ये भी पढ़ेंः Anupam-Vanshika Video: सतीश कौशिक की बेटी वंशिका ने अनुपम खेर के साथ शेयर किया पहला रील, कहा- ‘पापा ज्याद बेहतर डांसर थे’

हिमालय पर्वत से कचरे की सफाई

इस संस्था ने सुरम्य हिमालय पर्वत से कचरे की सफाई का महत कार्य अपने हाथ में लिया है। उनका प्रमुख मिशन है- ट्रेकर्स या तीर्थयात्रियों द्वारा छोड़ी गई सैंकड़ों टन गैर-बायोडिग्रेडेबल वस्तुओं को इकट्ठा कर के उन बेस टाउन या शहरों में निपटान करना, जहां इन्हें रीसाइकल किया जा सकता है।

4-5 टन गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरा एकत्र हुआ

इस तरह अपशिष्ट प्रबंधन की समस्या को काफी हद तक समाप्त करना है। उनके द्वारा चलाये गए सफाई अभियानों और जीरो वेस्ट विलेज की सदस्य पंचायतों के माध्यम से एकत्रित कचरे को संभालने के लिए पांच स्थानों (मनसारी-कुल्लू जिला, किन्नौर में रक्चम और पूह गांव, स्पीति में ताबो और शिमला जिले में नारकंडा) में मटीरियल रिकवरी फैसिलिटीज बनाई गई हैं, जहां पर्यटकों की संख्या काफी अधिक होती है। ये सभी पांच फैसिलिटीज चालू हैं और पिछले साल भर में वहां रोजाना लगभग 4-5 टन गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरा एकत्र हुआ है, जो कुल मिला कर लगभग 550 टन होता है।

भूमि पेडनेकर ने कहा- अब काम करने का समय आ गया है

इस असोसिएशन के बारे में भूमि पेडनेकर कहती हैं कि- "हीलिंग हिमालयाज का आदर्श वाक्य है 'परिवर्तन की प्रतीक्षा न करें, परिवर्तन बनें जो कि दरअसल मेरे विचारों को प्रतिध्वनित करता है। मेरा मानना है कि हममें से प्रत्येक को हमारी पृथ्वी के प्रति अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए और हमें प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को कम करने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास करना चाहिए। अब काम करने का समय आ गया है! यह अभियान मुझे हिमालय और उसके नाजुक लेकिन बेहद महत्त्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करने की तत्काल आवश्यकता पर आवाज उठाने का मौका देता है। मैं हीलिंग हिमालयाज की गुडविल एम्बेसेडर बनकर बहुत सम्मानित महसूस कर रही हूं। मैं अपने कार्यकाल के दौरान अधिक से अधिक साइटों पर जाने की पूरी कोशिश करूंगी और इस महत्वपूर्ण कार्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भी सक्रिय रूप से भाग लूंगी।'' ये भी पढ़ेंः Adipurush Motion Poster: प्रभास की फिल्म ‘आदिपुरुष’ का मोशन पोस्टर आउट, शानदार है 60 सेकेंड का वीडियो

और अधिक जागरूकता पैदा करने में मदद मिलेगी

हीलिंग हिमालयाज फाउंडेशन के संस्थापक और प्रमोटर प्रदीप सांगवान कहते हैं कि “भूमि पेडनेकर ने हमेशा ही जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण के खिलाफ बात की है। वह एक जागरूक व्यक्ति हैं, जिन्हें देश के युवा फॉलो करते हैं। इसलिए उनके इस अभियान का हिस्सा होने से हमें अपने पहाड़ों को स्वच्छ रखने और वहां के इको-सिस्टम को संरक्षित करने की आवश्यकता के बारे में और अधिक जागरूकता पैदा करने में मदद मिलेगी।

हिमालय को स्वच्छ रखने की दिशा में और भी अच्छा काम करेंगे

हमें यकीन है कि हम हिमालय को स्वच्छ रखने की दिशा में मिलकर और भी अच्छा काम करेंगे।'' भूमि लगातार अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए पर्यावरण परिवर्तन की बात कर रही हैं और पर्यावरण के लिए काम कर रहे जमीनी कार्यकर्ताओं की ओर ध्यान खींच रही हैं, उन्होंने प्रतिष्ठित हॉवर्ड यूनिवर्सिटी में पृथ्वी की रक्षा करने की सख्त जरूरत के बारे में बात की। ये भी पढ़ेंः मनोरंजन से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें


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