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युवाओं के लिए खुशखबरी, पढ़ाई के लिए अब विदेश जाने की जरूरत नहीं, देश में खुलेंगी 500 फॉरेन यूनिवर्सिटी

UGC Guidelines for Foreign Institutions: भारतीय छात्रों के लिए खुशखबरी है। अब उन्हें उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने की जरूरत नहीं पढ़ेगी। UGC के नए प्रोजेक्ट के बारे में जान लीजिए।

Foreign Institutions In India
दिव्या अग्रवाल, दिल्ली UGC Guidelines Regulations for Foreign Institutions: आजकल देश के युवाओं में विदेश जाकर कोर्स करने का क्रेज काफी बढ़ गया है। हर साल बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स विदेशी विश्विद्यायलों में दाखिला लेकर अपना देश छोड़कर चले जाते हैं, जबकि देश में ही कई बड़े विश्वविद्यायल और नामचीन संस्थान हैं, लेकिन इसके बावजूद नौजवानों को विदेश जाकर कोर्स करने का शौक चढ़ा हुआ है, लेकिन अब युवाओं को अपना देश छोड़कर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि वे भारत में रहकर ही विदेशी यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर सकेंगे। इसके लिए यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC )ने एक प्रोजेक्ट बनाया है, जिसके तहत कुछ कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं। प्रोजेक्ट के तहत विदेशी विश्वविद्यालय भारत में सीधे एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, स्टडी सेंटर या फ्रेंचाइजी नहीं खोल सकेंगे। इसके लिए UGC के नियम मानने होंगे।  

विश्व रैंकिंग में शामिल टॉप-500 विश्वविद्यालय खुलेंगे

दरअसल, भारतीय छात्रों को कैंब्रिज और डेक्कन यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने के लिए विदेश जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत विदेशी यूनिवर्सिटीज भारत में 2024 तक खुल जाएंगी। इंडियन एजुकेशनल सिस्टम को इंटरनेशनल लेवल तक पहुंचाने के साथ ही वोकेशनल स्टडीज पर फोकस करने के उद्देश्य से यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने यह फैसला किया है। UGC के फैसले के मुताबिक, विश्व रैंकिंग में शामिल टॉप-500 विश्वविद्यालय भारत में खुल सकते हैं, जिन्हें अपनी फैकल्टी और स्टाफ चुनने का अधिकार होगा। साथ ही वह अपने कोर्स की फीस भी खुद तय कर सकेंगे, लेकिन इसके लिए उन्हें UGC के नियमों का पालन करना होगा। UGC ने कुछ नियम और शर्तें तय की हैं, जिनके अनुसार ही विदेशी विश्वविद्यालय अपने संस्थान भारत में खोल सकेंगे और UGC की उन पर, उनकी वर्किंग और व्यवस्थाओं पर नजर रहेगी।

ऑनलाइन कोर्स कराने की अनुमति नहीं होगी

UGC की गाइडलाइन्स के मुताबिक, विदेशी विश्वविद्यालयों को छात्रों को एडमिशन से 60 दिन पहले दाखिले से जुड़े नियमों के बारे में बताना होगा। भारत में उच्च शिक्षा को एक मुकाम तक पहुंचने और सुविधाजनक बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है। नियमों के अनुसार, स्पेशल फील्ड या खास सब्जेक्ट्स के लिए यूनिवर्सिटीज अलग संस्थान भी खोल सकती हैं, लेकिन विदेशी यूनिवर्सिटीज भारत में शिक्षण केंद्र, अध्ययन केंद्र या मूल इकाई की फ्रेंचाइजी नहीं खोल सकेंगी। ऑनलाइन कोर्स भी नहीं करा सकेंगे। सबसे बड़ी बात UGC को कोई वार्षिक शुल्क देने की जरूरत किसी भी विदेशी विश्वविद्यालय को नहीं पड़ेगी। यह भी पढ़ें: विदेश में पढ़ाई का वीजा अप्लाई करने के लिए स्टूडेंट को क्या करना चाहिए और क्या नहीं?

विदेशों के मुकाबले पढ़ाई काफी सस्ती होगी

ऑस्ट्रेलिया की डीकिन यूनिवर्सिटी गांधीनगर में GIFT सिटी में एक इंटरनेशनल कैंपस खोलने वाली है, जो देश की पहली विदेशी यूनिवर्सिटी बनेगी। माना जा रहा है कि जुलाई 2024 में यह यूनिवर्सिटी 2 पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स शुरू करेगी, जिसकी सालाना फीस 10 लाख 7 हजार रुपये होगी। विश्वविद्यालय जनवरी से जुलाई 2024 सेशन के लिए कंप्यूटिंग यानी डाटा एनालिसिस में मास्टर्स के लिए अपनी GIFT सिटी ब्रांच में दाखिला देने के लिए आवेदन मांगना शुरू कर देगा। GIFT सिटी भारत की पहली और एकमात्र ऑपरेशनल स्मार्ट सिटी है, जो गुजरात के गांधीनगर में है। यह भी पढ़ें: BTECH-MBA पास युवाओं के लिए खुशखबरी, IIT रुड़की के जॉब गारंटी वाले कोर्स का फायदा उठाएं

जल्द शुरू हो जाएंगी डिजिटल यूनिवर्सिटी

माना जा रहा है कि 2024 तक डिजिटल यूनिवर्सिटी की शुरुआत भी हो जाएगी, यानी अब गांव के बच्चे भी ऑनलाइन और डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से कोर्से कर सकेंगे। इनोवेशन प्रोफेशनल टेक्नोलॉजी से जुड़े कोर्से होंगे। डिजिटल यूनिवर्सिटीज को खोलने के लिए फिलहाल UGC 10 साल की अनुमति देगा। उसके बाद उन्हें अपना लाइसेंस रिन्यू कराना होगा, यानी साफ है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत भारत में उच्च शिक्षा का आदान-प्रदान और ज्यादा आसान हो जाएगा।


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