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HPCL , BPCL या IOC कौनसा शेयर खरीदने में समझदारी, अभी क्या चल रहा भाव?

सरकार ने जहां एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर तेल कंपनियों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ाया है। वहीं, एलपीजी सिलेंडर के दाम बढ़ाकर उन्हें कुछ राहत भी पहुंचाई है। उधर डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों के चलते कच्चा तेल सस्ता हुआ है। ऐसे में क्या ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के शेयर खरीदने में समझदारी है, यह सबसे बड़ा सवाल है।

Author Edited By : Neeraj Updated: Apr 8, 2025 13:54
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केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में इजाफा किया है। इस खबर के सामने आने के बाद यह माना जा रहा था कि आम जनता की जेब ढीली होगी। हालांकि, सरकार ने बाद में स्पष्ट किया कि इसका भार तेल कंपनियों को उठाना पड़ेगा। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) के लिए यह अतिरिक्त बोझ के समान है। ऐसे में यह सवाल लाजमी हो जाता है कि क्या ऐसे माहौल में तेल कंपनियों के शेयरों में पैसा लगाना चाहिए?

एक्साइज ड्यूटी का असर नहीं

ब्रोकरेज फर्म जेएम फाइनेंशियल और एंटीक ने ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) के शेयरों को लेकर अपनी राय साझा की है। इसके साथ ही उन्होंने देश की तीन प्रमुख सरकारी तेल कंपनियों के स्टॉक को लेकर टारगेट प्राइस भी सेट किया है। जेएम फाइनेंशियल का मानना है कि एक्साइज ड्यूटी में वृद्धि के बावजूद तेल कंपनियों के लिए ऑटो फ्यूल ग्रॉस मार्केटिंग मार्जिन (GMM) लगभग 12 रुपये प्रति लीटर के रिकॉर्ड लेवल पर बना हुआ है, जो 3.5 रुपये प्रति लीटर के ऐतिहासिक औसत से काफी अधिक है।

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LPG घाटे में आएगी कमी

वहीं, सरकार ने एलपीजी की कीमतों में इजाफा किया है और जनता को अब घरेलू सिलेंडर के लिए 50 रुपये अतिरिक्त खर्च करने होंगे। सरकार के इस कदम से तेल विपणन कंपनियों का एलपीजी घाटा 10,000 करोड़ रुपये कम होने की उम्मीद है। इन कंपनियों का एलपीजी घाटा वित्त वर्ष 2026 में घटकर 20,000 करोड़ रुपये रह सकता है, जबकि वित्त वर्ष 2025 में यह 41,300 करोड़ रुपये था। इसके अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों के चलते कच्चे तेल की कीमत भी कम हुई है, इससे OMCs की लागत में कमी आएगी।

बेहतर स्थिति में हैं कंपनियां

ब्रोकरेज फर्म एंटीक भी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को लेकर आशावादी है। उसका कहना है कि मजबूत ऑटो-फ्यूल मार्जिन और एलपीजी अंडर-रिकवरी के संबंध में कोई चिंता न होने के कारण ये कंपनियां अनुकूल स्थिति में हैं। ब्रोकरेज के अनुसार, यदि निकट भविष्य में रिटेल फ्यूल की कीमतें कम भी कर दी जाती हैं, तो भी तेल विपणन कम्पनियां अपने मार्केटिंग मार्जिन में पर्याप्त सुरक्षा बनाए रख सकेंगी। इससे रिफाइनिंग मार्जिन में किसी भी संभावित कमजोरी को दूर करने में मदद मिलेगी। कुल मिलाकर ऑयल कंपनियां अभी बेहतर स्थिति में हैं।

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किसे, कितने पर खरीदें?

एंटीक ने हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOC) पर बुलिश रुख अख्तियार करते हुए उनके लिए टारगेट प्राइस सेट किया है। ब्रोकरेज ने HPCL को BUY रेटिंग देते हुए इसका टारगेट प्राइस 565 रुपये रखा है। इसी तरह, आईओसी के लिए टारगेट प्राइस 172 रुपये और बीपीसीएल के लिए 425 रुपये रखा है। ब्रोकरेज फर्म ने इन दिनों स्टॉक्स को भी BUY रेटिंग दी है।

अभी क्या चल रही कीमत?

वहीं, ब्रोकरेज फर्म जेएम फाइनेंशियल में एचपीसीएल को Sell रेटिंग देते हुए इसका टारगेट प्राइस 320 रुपये रखा है। इसी तरह, फर्म ने आईओसी को 125 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ बेचने की सलाह दी है। जबकि बीपीसीएल को होल्ड करने की बात कही गई है। इन शेयरों की मौजूदा कीमत की बात करें, तो HPCL इस समय 358.95, इंडियन ऑयल 129.65 और भारत पेट्रोलियम 278.65 रुपये के भाव पर मिल रहे हैं।

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Neeraj

First published on: Apr 08, 2025 12:16 PM

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