शेयर बाजार 11 अप्रैल को बड़ी उछाल हासिल करने में कामयाब रहा था। ऐसे में यह सवाल लाजमी है कि तीन दिनों की छुट्टी के बाद खुल रहे मार्केट की चाल आज कैसी रह सकती है? फिलहाल ऐसा कोई भी संकेत नजर नहीं आ रहा है, जिससे मार्केट का मूड बिगड़ने की आशंका हो। अमेरिकी बाजार भी कल बढ़त के साथ बंद हुआ। इसके अलावा, डोनाल्ड ट्रंप ने स्मार्टफोन, लैपटॉप और पर्सनल कंम्यूटर जैसे कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स के आयात पर टैरिफ में अस्थायी छूट देने का ऐलान किया है और इस छूट में चीन भी शामिल है।
टैरिफ राहत से आई तेजी
मार्केट पिछले सत्र (11 अप्रैल) में बढ़त के साथ बंद हुआ था। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 1,310.11 अंक बढ़कर 75,157.26 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 429.40 अंक मजबूत होकर 22,828.55 पर पहुंच गया था। यह तेजी अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा नए टैरिफ पर 90 दिनों की राहत देने की घोषणा के चलते आई थी। जबकि इससे पहले के सत्र में बाजार लाल हो गया था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि निफ्टी इंडेक्स 22,800 से थोड़ा ऊपर बंद हुआ है। इससे पता चलता है कि 22800 निफ्टी में एक ब्रेकआउट लेवल है।
क्या है निफ्टी का अनुमान?
एक्सपर्ट्स के अनुसार, निफ्टी रेजिस्टेंस जोन 22900 से 23000 तक है। यदि निफ्टी मजबूती से इस जोन को पार करता है, तो आगे की तेजी जारी रह सकती है। दूसरी तरफ, यदि निफ्टी 22680 से नीचे गिरता है, तो अधिक बिक्री जारी रहेगी और इंडेक्स 22500 की ओर गिर जाएगा। वहीं, GIFT Nifty इंडेक्स से संकेत मिल रहा है कि आज बाजार पॉजिटिव मूड में कारोबार कर सकता है। गिफ्ट निफ्टी कल 1.4% ऊपर ट्रेड कर रहा था, जो 15 अप्रैल को बाजार में सकारात्मक शुरुआत का संकेत है।
वैश्विक स्तर पर मजबूत संकेत
अमेरिकी बाजार कल तेजी के साथ बंद हुआ है, जो भारत सहित एशियाई बाजारों के लिए अच्छे संकेत हैं। तीनों इंडेक्स, नैस्डैक (0.64%), S&P 500 (0.79%) और डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज (0.78%) 14 अप्रैल के कारोबार में ग्रीन लाइन पकड़कर चले। इससे पता चलता है कि अमेरिकी बाजार में टैरिफ का खौफ अब कम हो गया है। वहीं, एशियाई बाजारों का रुख भी अच्छा नजर आ रहा है। जापान का निक्केई 225 इंडेक्स, दक्षिण कोरिया का कोस्पी और ताइवान का TAIEX इंडेक्स मजबूत हैं। जबकि चीन के शंघाई इंडेक्स में गिरावट देखने को मिली है।
यह भी पढ़ें – कच्चे तेल के दाम गिरे, क्या सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल, जानें विदेशी बाजार में कीमतें क्या?