शेयर बाजार उछाल के साथ बंद हुआ है। हालांकि, मार्केट पर पहलगाम हमले का भी असर नजर आया। बाजार शुरुआती कारोबार में तेजी से आगे बढ़ रहा था, लेकिन बाद में उसकी रफ्तार धीमी हो गई। आखिरी घंटे में बाजार ने फिर रफ्तार पकड़ी और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 520.90 अंकों की मजबूती के साथ 80,116.49, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 115.10 अंक चढ़कर 24,282.35 के लेवल पर पहुंच गया। वैसे, 500 पॉइंट्स की बढ़त छोटी नहीं होती, लेकिन शुरुआती कारोबार में ही सेंसेक्स ने इस ऊंचाई को छू लिया था, उस लिहाज से देखें तो मार्केट बड़ी बढ़त हासिल करने से चूक गया है।
इन स्टॉक्स में गिरावट
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के चलते बैंक, होटल, एयरलाइन आदि के शेयर दबाव में दिखे। जम्मू एंड कश्मीर बैंक (Jammu and Kashmir Bank) के शेयर में 9% की अधिक की गिरावट आई है। इस बैंक का अधिकतर कारोबार घाटी में है, लिहाजा हमले की खबर से बैंक के शेयर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इसी तरह, SBI, बैंक ऑफ बडौदा, पंजाब नेशनल बैंक (PNB), कोटक बैंक और HDFC बैंक भी लाल रहे। हालांकि, यूनियन बैंक और इंडसइंड बैंक में तेजी देखने को मिली।
होटल स्टॉक्स भी टूटे
इस आतंकी हमले के डर से पर्यटक अपनी जम्मू-कश्मीर की यात्रा रद्द कर रहे हैं, जिसका असर एयरलाइन और होटल इंडस्ट्री पर भी पड़ा है। स्पाइसजेट एयरलाइन का शेयर करीब ढेढ़ प्रतिशत तक गिर गया। इंडिगो का शेयर भी दबाव में कारोबार कर रहा था, लेकिन आखिरी वक्त पर उसमें हरियाली लौट आई। वहीं, लेमन ट्री होटल्स (Lemon Tree Hotels) और Chalet Hotels के शेयर भी गिरावट के साथ बंद हुए। ITC Hotels में सबसे ज्यादा ढाई प्रतिशत की गिरावट आई है। इंडियन होटल्स कंपनी (Indian Hotels Company) का शेयर भी दबाव में कारोबार करता नजर आया।
इस मोर्चे पर अच्छे संकेत
स्टॉक मार्केट के लिए अच्छी बात यह है कि विदेशी निवेशक लगातार खरीदारी कर रहे हैं और यूएस-चीन के बीच हालात सामान्य होने की उम्मीद बढ़ गई है। NSE के डेटा के अनुसार, 23 अप्रैल को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने कैश में 1,290.43 करोड़ रुपये की खरीदारी की है। जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने इस दौरान 885.63 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि चीन के खिलाफ लगाए गए टैरिफ में कमी की जाएगी। ट्रंप के इस बयान से दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर जल्द खत्म होने की संभावना बढ़ गई है। एक्सपर्ट्स ने चेताया है कि अगर ट्रेड वॉर लंबी खिंचती है, तो इससे भारत सहित दूसरे देश भी प्रभावित हो सकते हैं।
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