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Adani Group को लेकर सख्त हुआ RBI, उठाया ये बड़ा कदम

Adani Group on RBI watchlist: भारतीय रिजर्व बैंक ने स्थानीय बैंकों से अडानी समूह की कंपनियों में उनके निवेश के बारे में विवरण मांगा है। यह कदम तब आया जब पिछले सप्ताह से समूह के संचयी बाजार मूल्यांकन में $100 बिलियन का नुकसान दर्ज किया गया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के हवाले […]

Adani Group on RBI watchlist: भारतीय रिजर्व बैंक ने स्थानीय बैंकों से अडानी समूह की कंपनियों में उनके निवेश के बारे में विवरण मांगा है। यह कदम तब आया जब पिछले सप्ताह से समूह के संचयी बाजार मूल्यांकन में $100 बिलियन का नुकसान दर्ज किया गया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के हवाले से सरकार और बैंकिंग सूत्रों ने RBI के इस एक्शन के बारे में बताया। केंद्रीय बैंक ने अभी तक इस मामले पर आधिकारिक बयान नहीं दिया है। अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों ने गुरुवार को शेयर बाजार में अपनी गिरावट जारी रखी, यहां तक कि समूह के अरबपति मालिक गौतम अडानी ने निवेशकों को शांत रखने के लिए एक वीडियो भी जारी किया। और पढ़िएवरिष्ठ नागरिकों के लिए सरकार लाई नई योजना! हर महीने मिलेगी 18500 रुपये पेंशन

नुकसान के बीच नहीं जारी किया FPO

समूह की अधिकांश सूचीबद्ध कंपनियों ने अपने निचले सर्किट पर 5 प्रतिशत और 10 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की। इसके बाद समूह ने अपनी प्रमुख कंपनी, अडानी एंटरप्राइजेज के द्वितीयक शेयर बिक्री यानी एफपीओ को रोक दिया। अडानी एंटरप्राइजेज 8 प्रतिशत से अधिक नीचे गया, जबकि अदानी पोर्ट्स और एसईजेड 3 प्रतिशत से अधिक गिर गए। अन्य सभी लिस्टेड कंपनियां- अदानी विल्मर, अदानी पावर, अदानी ट्रांसमिशन, अदानी ग्रीन एनर्जी और अदानी टोटल गैस- में लोअर सर्किट लग गया। एनडीटीवी पर भी शुरुआती कारोबार में लोअर सर्किट लगा। और पढ़िएअब सिगरेट कितने की मिलेगी? जानिए- 16% ड्यूटी बढ़ोतरी के बाद किस सिगरेट के कितने बढ़े रेट!

Ambuja और ACC ने किया अच्छा काम

अडानी के स्वामित्व वाली अंबुजा और एसीसी ऐसी दो कंपनियां थीं जो इस माहौल में भी अच्छे से खड़ी रहीं, जो 1-5 प्रतिशत की सीमा में बढ़ रही थी। बता दें कि शेयर बाजार में अडानी समूह का नुकसानदेय दौर पिछले हफ्ते शुरू हुआ जब अमेरिका की शॉर्ट सेलर फर्म, हिंडनबर्ग रिसर्च ने समूह पर एक विस्फोटक रिपोर्ट पेश की। इसने समूह के बढ़ते कर्ज के बारे में चिंता जताई और अन्य बातों के अलावा, स्टॉक में हेरफेर और टैक्स हेवन के अनियमित उपयोग का आरोप लगाया। जबकि समूह ने कई बयान जारी किए और हिंडनबर्ग द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में 413 पन्नों की प्रतिक्रिया दी, तब भी इसकी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में गिरावट जारी रही। शेयर बाजार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव का हवाला देते हुए समूह ने बुधवार को अपनी प्रमुख कंपनी के 20,000 करोड़ रुपये के द्वितीयक शेयरों की बिक्री बंद कर दी। और पढ़िए – बिजनेस से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ  पढ़ें


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