Personal Finance: सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एक लोकप्रिय तरीका है और दिन ब दिन इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। इसकी सबसे खास बात यह है कि SIP में कम निवेश से भी शुरुआत की जा सकती है, जिससे निवेश करना आसान हो जाता है। यह न केवल निवेशक को लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट रणनीति के प्रति प्रतिबद्ध रहने में सक्षम बनाता है, बल्कि कंपाउंडिंग का अधिकतम लाभ भी प्रदान करता है। लंबी अवधि में कंपाउंडिंग के परिणाम कई बार इतने शानदार होते हैं कि यकीन करना मुश्किल हो जाता है।
SIP के कई फायदे
SIP की विशेषताओं की बात करें, तो इसमें साप्ताहिक, मासिक या त्रैमासिक (Quarterly) आधार पर निवेश किया जा सकता है। लोग अपनी वित्तीय स्थिति के आधार पर कभी भी अपनी निवेश राशि को एडजस्ट कर सकते हैं। निवेश राशि संबंधित व्यक्ति के बैंक खाते से ऑटो-डेबिट हो जाती है। इसके अलावा, SIP में कम निवेश से भी शुरुआत की जा सकती है, जिससे निवेश करना आसान हो जाता है।
ऐसी रहेगी कैलकुलेशन
चलिए SIP और कंपाउंडिंग की शक्ति को पहचानने के लिए एक प्रयोग करके देखते हैं। हम यहां जानेंगे कि 20 साल के लिए 10,000 रुपये की मासिक एसआईपी, 15 साल के लिए 15,000 रुपये की SIP और 10 साल के लिए 20,000 रुपये की मंथली SIP का क्या परिणाम होता है। हम यह मानकर चलते हैं कि वार्षिक रिटर्न 12% रहेगा।
सिनेरियो 1: 20 साल के लिए 10,000 रुपये की मंथली एसआईपी
12 प्रतिशत वार्षिक रिटर्न के आधार पर 20 साल (240 महीने) के लिए 10,000 रुपये मासिक एसआईपी से लगभग 99.91 लाख रुपये (24 लाख रुपये का मूलधन और 75.91 लाख रुपये का अपेक्षित रिटर्न) का फंड तैयार होगा।
सिनेरियो 2: 15 वर्षों के लिए 15,000 रुपये की मंथली एसआईपी
इसी तरह, 12% के अपेक्षित रिटर्न पर 15 वर्षों (180 महीने) के लिए 15,000 रुपये की एसआईपी से लगभग 75.69 लाख रुपये (27 लाख रुपये का मूलधन और 48.69 लाख रुपये का अपेक्षित रिटर्न) का फंड तैयार होगा।
सिनेरियो 3: 10 वर्षों के लिए 20,000 रुपये की मंथली एसआईपी
12 प्रतिशत के अपेक्षित रिटर्न पर 10 वर्षों (120 महीने) के लिए 20,000 रुपये की मासिक एसआईपी से करीब 46.47 लाख रुपये (24 लाख रुपये का मूलधन और 22.47 लाख रुपये का अपेक्षित रिटर्न) की संपत्ति अर्जित होगी।
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क्या है कंपाउंडिंग?
कंपाउंडिंग की बात करें, तो इसका मतलब है पहले मिले रिटर्न पर रिटर्न कमाना। इसे चक्रवृद्धि ब्याज़ भी कहते हैं। कंपाउंडिंग से समय के साथ धीरे-धीरे मूलधन और संचित ब्याज दोनों पर रिटर्न उत्पन्न करने में मदद मिलती है, जो लंबी अवधि में तेजी से वृद्धि में योगदान देता है। इसलिए चक्रवृद्धि ब्याज़ की शक्ति कई बार ऐसे परिणाम देती है कि यकीन करना मुश्किल हो जाता है।