Indian Rupee All-time Low: भारतीय रुपया 3 फरवरी 2025 को डॉलर के मुकाबले अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। बता दें कि रुपया 87 रुपये प्रति डॉलर के स्तर को पार कर गया, जो पिछले शुक्रवार को 86.61 रुपये प्रति डॉलर पर था। ग्लोबल मार्केट टेंशन और फॉरेन इन्वेस्टर के भारतीय बाजार से बाहर जाने के कारण रुपया कमजोर हो रहा है। इतना ही नहीं एक्सपर्ट का मानना है कि रुपया आने वाले 2 सालों में 100 रुपये प्रति डॉलर पर होगा। आइए इसके बारे में जानते हैं।
डोनाल्ड ट्रंप की बिजनेस पॉलिसी है कारण
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 31 जनवरी को घोषणा की कि वह मैक्सिको और कनाडा से एक्सपोर्ट की जा रही चीजों पर 25% और चीन से आने वाले प्रोडक्ट पर 10% शुल्क लगाएंगे। ये नए टैरिफ 1 फरवरी से लागू कर दिए गए हैं, जिसके चलते ग्लोबल करेंसी मार्केट में अस्थिरता बढ़ गई है। इस कारण भी भारतीय रुपये पर दबाव बना हुआ है।
2027 तक 100 रुपये प्रति डॉलर पर होगा रुपया
इतना ही नहीं, टेक एक्सपर्ट और पूर्व गूगल इंजीनियर देबर्घ्य दास ने हाल ही में एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया कि USD-INR ने पिछले 14 सालों में लगभग दोगुनी गति से बढ़ोतरी की है। ऐसे में वो दिन दूर नहीं जब रुपया 100 डॉलर के पार हो जाएगा। देबर्घ्य दास ने अपने पोस्ट में इस बात पर भी जोर दिया है।
चीनी की करेंसी पर भी असर
करेंसी मार्केट में केवल भारतीय रुपया ही नहीं, बल्कि चीनी करेंसी युआन भी 0.54% गिरकर 7.3585 प्रति डॉलर हो गया है। इससे उभरती हुई इकोनॉमी की करेंसी पर ज्यादा दबाव बढ़ गया है। अमेरिकी डॉलर अन्य करेंसी के मुकाबले मजबूत हुआ है और अमेरिकी सरकारी बॉन्ड (ट्रेजरी यील्ड) पर ब्याज दरें भी बढ़ गई हैं।
क्यों कमजोर हुआ रुपया?
अमेरिका, चीन, मैक्सिको और कनाडा के बीच बढ़ते बिजनेस कॉन्फ्लिक्ट के कारण भारतीय रुपये पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इसके अलावा, फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPI) द्वारा भारतीय बाजार से कैपिटल विड्रॉल भी रुपये को कमजोर कर रहा है।
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