Hindenburg Research Operating in Grey Zone: अमेरिका की चर्चित शॉर्ट-सेलिंग फर्म, हिंडनबर्ग रिसर्च, ने अपने संचालन को बंद करने का फैसला किया है। इस कदम ने फर्म की कार्यप्रणाली, बाजार पर इसके प्रभाव और इस अचानक बंदी के संभावित कारणों पर बहस छेड़ दी है। इस पर मार्केट एक्सपर्ट और वरिष्ठ बैंकर अजय बग्गा ने ANI के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च का बिजनेस मॉडल 'ग्रे जोन' में काम करता था। उन्होंने फर्म के कामकाज के तरीके को लेकर कानूनी और नैतिक सवाल उठाए।
ग्रे जोन में काम करने का आरोप
वरिष्ठ बैंकर अजय बग्गा ने बताया कि हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनियों पर नेगेटिव रिपोर्ट पब्लिश करने और उसी समय उनके खिलाफ शॉर्ट पोजीशन लेने का काम करता था। इन एक्टिविटीज में अक्सर हेज फंड्स के साथ पार्टनरशिप होती थी, जो अपनी पोजीशन का खुलासा नहीं करते थे। यह प्रोसेस ट्रांसपेरेंसी और बाजार में संभावित हेरफेर के मुद्दे उठाती है।
शॉर्ट-सेलिंग: लंबे समय तक लाभकारी नहीं
बग्गा ने कहा कि शॉर्ट-सेलिंग शायद ही कभी स्थायी लाभ देती है। इस पर उन्होंने 2008 के वित्तीय संकट का उदाहरण देते हुए कहा कि केवल कुछ ही शॉर्ट-सेलर्स को उस समय प्रसिद्धि मिली, जबकि ज्यादातर को लंबे समय तक लाभ कमाने में कठिनाई हुई। उन्होंने कहा कि शॉर्ट-सेलर्स शायद ही कभी लंबे समय तक लाभ कमा पाते हैं। यही कारण है कि 2008 जैसे संकट के समय ऐसा कर पाते हैं, उन्हें इतनी सराहना मिलती है। बाकी के शॉर्ट-सेलर्स को लंबे समय में शायद ही कोई फायदा होता है।
हिंडनबर्ग रिसर्च के बंद होने से शॉर्ट-सेलिंग की नैतिकता और नियामक सीमा पर चर्चा शुरू हो गई है। यह सवाल भी उठता है कि क्या बाजार में ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए अधिक सख्त कानूनों की आवश्यकता है। जिस पर कई एक्सपर्ट ने अपनी राय दी है।
नियमों का उल्लंघन
बग्गा ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि यह संभावना है कि किसी नियामक कार्रवाई के डर से हिंडनबर्ग ने अपना संचालन बंद कर दिया हो। उन्होंने कहा कि यदि फर्म के खिलाफ कोई कानूनी प्रक्रिया चल रही है, तो जवाबदेही सुनिश्चित करना आवश्यक है ताकि ऐसी प्रथाओं को दोहराया न जाए।
हिंडनबर्ग द्वारा जारी की गई नकारात्मक रिपोर्ट्स ने न केवल कंपनियों और उनके प्रमोटरों, बल्कि व्यापक बाजार पर भी गहरा प्रभाव डाला। इन रिपोर्ट्स को भले ही सत्य का खुलासा करने वाले प्रयासों के रूप में पेश किया गया हो, लेकिन उन्हें अक्सर वित्तीय लाभ प्राप्त करने के लिए किए गए हमले माना गया।
बग्गा ने कहा कि यह पारंपरिक शॉर्ट-सेलिंग जैसा नहीं था, जो फंडामेंटल एनालिसिस पर आधारित होती है। शॉर्ट-सेलिंग बाजार की अखंडता और गहराई में योगदान करती है, लेकिन हिंडनबर्ग जैसी 'हैचेट जॉब्स' रणनीतियां व्यापक रूप से मूल्य का विनाश करती हैं।
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