Gautam Adani: 1 साल पहले गौतम अडानी के सितारे बुलंद थे, लेकिन ये कौन जानता था कि एक साल बाद अदानी अपनी एक कंपनी में हिस्सेदारी बेचने जा रहे होंगे। जब से हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई है, तभी से अडानी के दिन उल्टे होना शुरू हो गए हैं। आज नौबत इतनी आ गई है कि अडानी को अपनी कंपनी विल्मर में पूरी अपनी हिस्सेदारी को बेचना पड़ रहा है, यानी कंपनी अदानी ग्रुप से बाहर जा रही है।
आगे के प्लान हैं बड़े
आगे की प्लानिंग अडानी ने काफी बड़ी बनाए हुई है। हाइड्रोजन ग्रीन एनर्जी से लेकर पोर्ट के लिए अदानी फ्यूचर प्लान पर काम कर रहे हैं। रिपोर्ट यह भी है कंपनी बेचकर जो भी पैसा आएगा उसका इस्तेमाल नई प्लानिंग में किया जाएगा। लेकिन अगर यह प्लान काम नहीं किया तो फिर अदानी के लिए मामला और भी खराब हो सकता है। क्योंकि जहां एक तरफ FDI यानी विदेशी निवेशक कंपनी में पैसा कम लग रहे हैं, दूसरी तरफ अदानी ग्रुप कमजोर हो रहा है।
अब करना होगा ये काम
गौतम अडानी को यहां से भरोसा सबसे पहले अपने निवेश को दिखाना होगा। निवेशक जब तक खरीदारी पर जोर नहीं देंगे तब तक कंपनी मजबूत नहीं बनेगी। साथ में अपने उन प्लांस को सामने लाना होगा, जिनके जरिए अदानी आने वाले 2 से 3 साल अपनी कंपनी के लिए लगाना चाहते हैं। हाइड्रोजन ग्रीन एनर्जी का प्रोजेक्ट बेहद शानदार है, अगर ये काम कर गया तो अडानी के दिन वापस लौट आएंगे। इससे न सिर्फ अदानी को बल्कि देश को भी फायदा होगा, क्योंकि आज हम बढ़ते हुए पेट्रोल दामों के ऊपर ज्यादा निर्भर हैं। ऐसे में अगर कोई दूसरा तरीका हमें एनर्जी का मिलता है तो ये निर्भरता कम हो सकती है।
सिर्फ 4 से 5 कंपनियों पर है फोकस
इसलिए देखने वाली बात रहेगी कि अडानी की प्लानिंग कितना कारगर साबित रहती है। रिपोर्ट्स तो ये भी है कि अडानी अब अपनी 4 से 5 बड़ी कंपनियों को आगे ले जाना चाहते हैं, बाकी कंपनियों पर इतना फोकस उनका अभी फिलहाल तो नहीं है।