Cyber Fraud: ऐसा कहें तो गलत नहीं होगा कि दिल्ली के इतिहास की सबसे बड़ी ठगी एक डॉक्टर से हो गई है। खुद को महाराष्ट्र नारकोटिक्स विभाग का अधिकारी बताकर एक जालसाज ने दिल्ली की एक डॉक्टर से ₹4.47 करोड़ ठग लिए। धोखेबाज ने 34 वर्षीय महिला को बताया कि उससे जुड़े एक FedEx कूरियर में बड़ी मात्रा में MDMA ड्रग का पता चला है।
अपराधियों ने उसे अपने खातों में पूरी राशि अस्थायी रूप से सौंपने के लिए मजबूर किया। बदमाशों ने खुद को अंधेरी पुलिस स्टेशन के आरबीआई अधिकारी, मुंबई पुलिस के एक डीसीपी, सीमा शुल्क विभाग के अधिकारी और नारकोटिक्स डिवीजन के पुलिस अधिकारी के रूप में बताया और महिला से पैसे ठगने के लिए झूठ का एक तगड़ा जाल बिछाया।
द टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने जालसाजों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है और मामले में तकनीकी जांच शुरू हो गई है। इसे दिल्ली की सबसे बड़ी साइबर धोखाधड़ी के रूप में देखा जा रहा है। पीड़िता को एक फोन कॉल के साथ शुरू हुई यह धोखाधड़ी बहुत बड़ा कांड कर गई। जालसाजों ने महिला को बताया कि उसका FedEx पैकेज जब्त कर लिया गया है और फिर उसे इसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए 1 डायल करने के लिए कहा गया।
पीड़िता ने टीओआई को बताया कि कॉल करने वाले ने दावा किया कि पार्सल में उसका पासपोर्ट, दो जोड़ी जूते, बैंकिंग दस्तावेज, कपड़े और 140 ग्राम MDMAहै। हालांकि, महिला ने इस कूरियर के बारे में कोई जानकारी होने से इनकार किया।
जब महिला ने इनकार कर दिया तो?
जब महिला ने इससे इनकार किया, तो कॉल करने वाले ने उसे अंधेरी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने के लिए कहा और पुलिस ने उसे ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने के लिए कहा क्योंकि पीड़िता दिल्ली में थी। उसे Skype एप्लिकेशन डाउनलोड करने के लिए कहा गया था।
Skype पर महिला खुद को इंस्पेक्टर पाटिल बताने वाले शख्स से जुड़ती है और साथ ही एक अन्य शख्स से भी उसकी आधार आईडी की पुष्टि के संबंध में बात की। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता ने बातचीत सुनी कि उसने दोनों के माध्यम से सुना कि मुंबई में 23 बैंक खाते खोलने के लिए उनकी आईडी का दुरुपयोग किया गया है और इसके बाद उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनता है।
इसके बाद, महिला से शेष राशि के साथ उसके बैंक खातों का स्नैपशॉट प्रदान करने और अपने संपूर्ण वित्तीय विवरण का खुलासा करने के लिए कहा गया। पीड़िता झूठ के जाल में फंसती जा रही थी और फोन करने वाले के निर्देश पर जब्ती और सत्यापन के लिए अपनी एफडी को तोड़ दिया। इसके बाद एक अन्य पुलिस वाले ने डॉक्टर को RTGS फॉर्म भरने के लिए कहा और खुद आरबीआई अधिकारी व मुंबई नारकोटिक्स डिवीजन के लोग बताने का दावा करने वालों ने डॉक्टर से ₹4.47 करोड़ लूट लिए।