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मोदी सरकार का गरीबों को बड़ा तोहफा! चावल के दाम घटाने के लिए उठा रही ये बड़े कदम

Central Government Asks Rice Price Cut Off: मोदी सरकार जल्द ही चावल के दाम को घटाने की तैयारी में है। इसे लेकर उद्योगों की बैठक भी हुई है।

Central Government Asks Rice Price Cut Off: देश से गरीबी दूर करने के लिए पीएम मोदी सरकार की ओर से तरह-तरह की पहल की जाती है। साथ ही गरीबों को आर्थिक मदद देने के लिए भी कई योजनाओं पर काम किया जाता है। मुफ्त इलाज से लेकर हर महीने आर्थिक सहायता के तौर पर सस्ते में राशन आदि देने की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। वहीं, अब सरकार की नई पहल में चावलों के दाम को घटाया जा सकता है। इसे लेकर सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है और वो जल्द ही लोगों तक सस्ते चावल पहुंचाने की योजना कर रही है। दरअसल, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के साथ मोदी सरकार की बैठक हुई, जिसमें उन्होंने चावल के दाम कम करने का निर्देश दिया है। गैर-बासमती चावल के घरेलू कीमत परिदृश्य की समीक्षा के लिए डिपार्टमेंट ऑफ फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन (DFPD) के सचिव संजीव चोपड़ा ने बैठक बुलाई थी। इस दौरान ग्राहकों को राहत देने के लिए चावल के दाम को कम करने का निर्देश दिया गया। ये भी पढ़ें- शराब पीना फायदेमंद या नुकसानदायक? WHO रिपोर्ट

क्यों बढ़ रहे हैं चावल के दाम- संजीव चोपड़ा 

बैठक के दौरान चावल के बढ़ते दामों को लेकर चर्चा की गई। इस दौरान DFPD के सचिव संजीव चोपड़ा ने उद्योग से कहा कि वो कम कीमत में डोमेस्टिक बाजार में चावल को लाने का कोई तरीका निकालें। इसके अलावा ये भी कहा कि इस मुद्दे को उद्योग संघों के बीच उठाकर जल्द से जल्द चावल का रिटेल प्राइज कम किया जाए। ये भी पढ़ें- Apaar ID Card क्या है और कैसे बनवाएं? पीआईबी के बयान के मुताबिक उन्होंने चावल के बढ़ते दाम को लेकर भी सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India) के पास अच्छा खासा चावल का भंडार है, खरीफ की फसल भी अच्छी-खासी हुई और तो और चावलों का एक्सपोर्ट भी बंद है तो फिर घरेलू बाजार में चावल की कीमत क्यों बढ़ रही है। [embed] आगे कहा कि ये एक चिंता विषय है कि चावल के एक्सपोर्ट पर बैन होने के बाद भी पिछले दो साल की तुलना में चावल को 10 प्रतिशत तक महंगा किया गया। चावल के बढ़ते दामों पर सरकार ने सख्ती जताते हुए कहा कि इस पर जल्द ही रोक लगानी चाहिए और चावल के दामों को कम किया जाना चाहिए। फिलहाल, इस मामले पर सरकार ने उद्योग संघों को निर्देश दिया है। देखना होगा कि कब तक वो इसे अपनाते हैं और आम लोगों को महंगे चावलों को सस्ते दामों पर पेश करते हैं। ये भी पढ़ें- ट्रेन में सीट बदलना भी है कानूनी जुर्म! 


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